PATNA : पूर्व विधायक के मंजीत सिंह को मनाने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंत्री लेसी सिंह को गोपालगंज भेज दिया. एक तरफ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जहां मनजीत सिंह को हर कीमत पर आरजेडी में जाने से रोकना चाहते हैं तो वहीं दूसरी तरफ से जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह की राय उनसे जुदा है. जेडीयू अध्यक्ष आरसीपी सिंह मनजीत सिंह को अपनी पार्टी का नेता मानने से इनकार कर रहे हैं.
मनजीत सिंह के प्रकरण को लेकर आरसीपी सिंह ने कहा है कि मनजीत सिंह उनकी पार्टी के विधायक थे. लेकिन बीते चुनाव के समय वह पार्टी छोड़ कर चले गए थे. उन्होंने विधानसभा का चुनाव निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर लड़ा था और ऐसे में वह उनके ऊपर कोई प्रतिक्रिया नहीं दे सकते. मनजीत सिंह चाहे जहां कहीं भी जाएं, वह अपना भविष्य खुद तय कर सकते हैं. आरसीपी सिंह ने कहा कि मनजीत सिंह आज उनकी पार्टी में नहीं है लिहाजा पार्टी छोड़कर जाने का सवाल पैदा नहीं होता.
आरसीपी सिंह ने कहा कि मनजीत सिंह हो या कोई हर कोई अपने भविष्य को बेहतर बनाने के लिए राजनीति की राह चुनता है. अगर वह कहीं जा रहे हैं तो यह उनका अपना फैसला है. जेडीयू अध्यक्ष ने कहा कि मनजीत सिंह के पिता और खुद मनजीत सिंह के उन लोगों से करीबी रिश्ते रहे हैं. खुद नीतीश कुमार और मैं उनके घर पर जा चुके हैं. ऐसे में फैसला उन्हें लेना है.
उधर आरसीपी सिंह से जब ओसामा के जेडीयू में शामिल होने के कयासों पर सवाल किया गया तो उन्होंने चुप्पी साध ली. आरसीपी सिंह ने पार्टी की तरफ से चंदा जुटाने अभियान को लेकर भी अपनी बात रखी है. जेडीयू अध्यक्ष ने कहा है कि हर पार्टी अपने फंड को बढ़ाने के लिए और राजनीतिक कार्यक्रम चलाने के लिए पैसे जुटाती है. हम भी वही काम कर रहे हैं. हालांकि उन्होंने इस बात को खारिज किया कि पार्टी ने कोई टारगेट सेट किया है. आरसीपी सिंह ने कहा कि हम निरंतर चंदा जुटाने का काम करते रहेंगे. हमारी संगठन से जुड़े लोग इस अभियान में जुटे रहेंगे और बूंद-बूंद कर ही तालाब भरने की कोशिश की जाएगी.