PATNA: जल जीवन हरियाली पर अपनी मानव श्रृंखला के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अब तक के सारे रिकार्ड तोड़ देने का दावा किया है. सरकार पहले से 16 हजार 443 किलोमीटर लंबी मानव श्रृंखला बनाने का दावा कर रही थी. आज नीतीश बोले कि उन्होंने दावे का भी रिकार्ड तोड़ दिया है. बिहार में इस दफे 18 हजार किलोमीटर लंबी मानव श्रृंखला बन गयी, जिसे 5 करोड़ 16 लाख से ज्यादा लोग शामिल हुए.
नीतीश कुमार के हैरत अंगेज दावे
बिहार की कुल आबादी तकरीबन 12 करोड़ है. इनमें से एक करोड़ से ज्यादा लोग ऐसे हैं जो या तो काफी वृद्ध हैं या फिर नवजात शिशु है. सरकारी गैर सरकारी आंकडा बताता है कि बिहार के तकरीबन 30 फीसदी लोग रोजी-रोटी की तलाश में बाहर रहते हैं. यानि सूबे में तकरीबन 7 करोड़ लोग बचते हैं. नीतीश कुमार कह रहे हैं कि उनमें से 5 करोड़ 14 लाख लोग मानव श्रृंखला में खड़े हो गये.
मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर इस ऐतिहासिक मानव श्रृंखला के लिए लोगों को धन्यवाद दिया है. उन्होंने कहा है कि 18 हजार 34 किलोमीटर लंबी मानव श्रृंखला में 5 करोड़ 16 लाख 71 हजार 389 लोग शामिल हुए. नीतीश कह रहे हैं कि ये मानव श्रृंखला पर्यावरण संरक्षण, जलवायु परिवर्तन और दूसरे सामाजिक सुधार के लिए जागरूकता फैलाने में मील का पत्थर साबित होगी.
बड़ा सवाल-सरकार ने एक-एक आदमी को कैसे गिन लिया
नीतीश कुमार और उनका पूरा प्रशासनिक तंत्र मानव श्रृंखला में शामिल होने वाले एक-एक आदमी की संख्या बता रहा है. हर जिले में कितने लोग लाइन में खड़े थे ये बताया जा रहा है. सवाल ये है कि सरकार के पास ऐसी कौन सी तकनीक थी जिससे उसने एक-एक आदमी को गिन लिया. सरकारी ड्रोन और हेलीकॉप्टर भी सिर्फ पटना और आस-पास के इलाकों में उड़़े. लेकिन ड्रोन और हेलीकॉप्टर के सहारे आदमी को गिन पाना संभव नहीं है. जानकार बता रहे हैं कि जिन सरकारी अधिकारियों पर मानव श्रृंखला को सफल बनाने की जिम्मेवारी थी उन्होंने अपनी मनमाफिक तादाद लिख कर सरकार को भेजी. सरकार ने उन्हीं आंकडों के आधार पर रिकार्ड तोड़ने का दावा कर दिया.