PATNA : राजद विधायक समीर कुमार महासेठ सहित कई विधायकों ने ध्यानाकर्षण सूचना पर बिहार के अपार्टमेंट का मामला सहकारिता विभाग से उठाया. विधायक ने कमिटी में आरक्षण नियमावली हटाने की मांग की. इस पर जवाब देते हुए प्रभारी मंत्री प्रमोद कुमार सदन में फंस गये. दरअसल, राजद विधायक ने कहा कि अपार्टमेंट में रह रहे फ्लैट मालिकों द्वारा एक एसोसिएशन का गठन कर अपार्टमेंट की देख-रेख की जाती हैं.
सरकार द्वारा जारी निदेशानुसार इस तरह के अपार्टमेंट को सहकारिता एक्ट या कम्पनी एक्ट की धारा-8 के अन्तर्गत निबंधन किया जा सकता है. अपार्टमेंट की खरीद-बिक्री आरक्षण के आधार पर नहीं होती है. लेकिन अपार्टमेंट एसोसिएशन के निबंधन में आरक्षण का पालन बाध्यकारी कर दिया गया है, जिसके चलते कोई भी अपार्टमेंट एसोसिएशन पटना में निबंधित नहीं हो पा रहा है. परिणामस्वरूप तरह-तरह की कानूनी अड़चनें सामने आती है और अपार्टमेंट का मेंटेनेंस नहीं हो पा रहा है. अतः अपार्टमेंट ऑनर एसोसिएशन के निबंधन की प्रक्रिया को व्यवहारिक बनाये जाने हेतु हम सदन के माध्यम सरकार का ध्यान आकृष्ट करते हैं.
इस का जबाब देते हुए प्रभारी मंत्री प्रमोद कुमार ने कहा कि अपार्टमेंट में रह रहे लोगों के लिए अपार्टमेंट के अंदर एक एसोसिएशन का गठन होता है उसमें आरक्षण होता है. हम भी अपार्टमेंट में रहते है. इसमें लागू व्यवस्था नहीं बदल सकती. इस दौरान मंत्री जी फंस गये. अध्यक्ष विजय सिन्हा ने मंत्री प्रमोद कुमार से पूछा कि आप फ्लैट में रहते नहीं अपार्टमेंट बनाते हैं? इस पर मंत्री ने कहा कि हुजूर हम अपार्टमेंट बनाते नहीं फ्लैट में रहते हैं. स्पीकर- मंत्री के इस सवाल- जवाब पर पूरा सदन ठहाकों से गूंज उठा. सदन में सदस्यों की हंसी के बाद मंत्री प्रमोद कुमार सचेत हुए. कहा कि सर हम अपार्टमेंट बनाते नहीं बल्कि फ्लैट में रहते हैं. ये लोग गलत सुन लिये हैं.
इस पर स्पीकर ने माहौल को हल्का करते हुए कहा कि अगर कोई सदस्य रोजगार के लिए बिल्डिंग बनाते हैं तो इसमें गलत बात नहीं है. मंत्री प्रमोद कुमार के फंसने पर स्पीकर विजय सिन्हा ने अपार्टमेंट सोसायटी को लेकर संज्ञान लिया और कहा कि हम इस पूरे मामले को देखेंगे. यह तीन विभागों से जुड़ा है लिहाजा इसे देखना जरूरी है. विधानसभा अध्यक्ष ने यह भी कहा कि यह सही है, व्यवहारिक नहीं है, मंत्री भी इस मामले को व्यवहारिक तरीके से सीखे. साथ सहकारिता, निबंधन एवं नगर विकास एवं आवास विभाग के साथ बैठक कर तय करें.