DESK: पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने के मामले में एथिक्स कमेटी की शिफारिश को स्वीकार करते हुए लोकसभा स्पीकर ने टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा की संसद सदस्यता को रद्द कर दिया है। सदन में वोटिंग के बाद लोकसभा ने महुआ की सदस्यता रद्द करने के प्रस्ताव को पारित कर दिया। टीएमसी सांसद की सदस्यता रद्द होने के बाद पार्टी प्रमुख ममता बनर्जी की पहली प्रतिक्रिया आई है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने कहा है कि डेमोक्रेसी की बाईपास सर्जरी हो गई है।
दरअसल, बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा पर आरोप लगाया था कि लोकसभा में बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी की ओर से सवाल पूछने के लिए महुआ उनसे पैसे लेती हैं। उन्होंने आरोप लगाया था कि कि महुआ जानबूझ कर पैसे के बदले अडानी ग्रुप और पीएम मोदी को निशाना बनाती हैं। बीजेपी सांसद की शिकायत पर लोकसभा की एथिक्स कमेटी इस पूरे मामले की जांच की। एथिक्स कमेटी ने शुक्रवार को शीतकालीन सत्र के दौरान अपनी रिपोर्ट सदन में रखा।
एथिक्स कमेटी ने टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा पर लगे आरोपों को सही बताया और उनकी सदस्यता रद्द करने की शिफारिश लोकसभा स्पीकर से की। एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट पर सदन में चर्चा कराई गई। एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट पर चर्चा के बाद वोटिंग कराई गई। वोटिंग के बाद लोकसभा ने एथिक्स कमेटी की शिफारिश को स्वीकार करते हुए महुआ मोइत्रा की संसद सदस्यता रद्द कर दी। अब इसको लेकर सियासत शुरू हो गई है।
दार्जिलिंग के कर्सियांग में टीएमसी प्रमुख और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि यह गणतंत्र की हत्या है और डेमोक्रेसी की बाईपास सर्जरी हो गई है। ममता ने कहा कि "मैं आपको बता रही हूं कि महुआ परिस्थितियों की शिकार हुई हैं। मैं इसकी कड़ी निंदा करती हूं। हमारी पार्टी महुआ से साथ है। हमारी पार्टी INDIA गठबंधन के साथ मिलकर लड़ेगी। यह लोकतंत्र के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है। मुझे बीजेपी का रवैया देखकर दुख हो रहा है। महुआ को अपना रुख स्पष्ट करने की अनुमति नहीं दी, सरासर अन्याय हुआ है। महुआ इस लड़ाई को जीतेंगी और हम उसके साथ है।"