PATNA : इस वक्त एक बड़ी खबर सामने आ रही है. मुजफ्फरपुर में नाबालिग बच्ची से रेप मामले को लेकर महिला आयोग ने सख्ती दिखाई है. आयोग की अध्यक्ष दिलमणि मिश्रा कल पीड़िता से मिलने मुजफ्फरपुर जाएंगी. इस मामले में पंचायत का शर्मनाक फैसला सामने आया था. पंचायत ने नाबालिग रेप पीड़िता के बच्चे को 20 हजार रुपये में बेचने का आदेश दिया था.
इस वक्त एक बड़ी खबर सामने आ रही है. मुजफ्फरपुर में नाबालिग बच्ची से रेप मामले को लेकर महिला आयोग ने सख्ती दिखाई है. आयोग की अध्यक्ष दिलमणि मिश्रा कल पीड़िता से मिलने मुजफ्फरपुर जाएंगी. इस मामले में पंचायत का शर्मनाक फैसला सामने आया था. पंचायत ने नाबालिग रेप पीड़िता के बच्चे को 20 हजार रुपये में बेचने का आदेश दिया था. इसपर आयोग ने सख्ती दिखाई है.
वारदात जिले के कटरा गांव की है. जहां एक नाबालिग बच्ची के साथ रेप का मामला सामने आया है. एक मौलाना ने अपने दोस्त के साथ मिलकर इस घिनौनी वारदात को अंजाम दिया था. जब बच्ची मां बनी तो यह मामला सामने आया. नाबालिग मां समाज के ठेकेदारों से अपने लिए इंसाफ की मांग कर रही है, लेकिन वे ठेकेदार उसे इंसाफ दिलाने के बजाय उसे और उसके परिवार वालों को ही गलत बता रहे हैं. हद तो तब हो गई जब फैसला सुनाने के लिए बैठी पंचायत ने उसके नवजात को 20 हजार में बेचने का सौदा कर दिया.
यह मामला अब पुलिस में पहुंच गया है, जिसके बाद पुलिस मामले की जांच में जुट गई है. आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए विशेष पुलिस टीम गठित की गई है. महिला आयोग ने भी इस मामले में फौरन संज्ञान लिया है. महिला आयोग की टीम अध्यक्ष दिलमणि मिश्रा के साथ कल पीड़िता से मिलकर मामले की पूरी जानकारी लेगी.
क्या है मामला ?
सीतामढ़ी का रहने वाला मौलाना मकबूल कुछ समय से मुजफ्फरपुर में रह रहा था. गांव के लोग बारी-बारी से उसे खाना देने देते थे. कुछ महीने पहले जब 15 साल की पीड़िता मौलाना के लिए खाना लेकर गई, तो उसने उसे धोखे से नशा देकर बेहोशी की हालत में अपने दोस्त के साथ मिलकर रेप किया और फिर लड़की को धमकी देकर इस इस घिनौने खेल का सिलसिला दो महीने तक जारी रखा. दो महिने बाद लड़की अपने नानी के घर चली गई, जिसके बाद यह सिलसिला बंद हो गया. नानी के घर से आने के बाद पीड़िता को गर्भवती होने का पता चला और बिन ब्याही मां बन गई. जिसके बाद गांव में पंचायत बैठी और पंचों ने पीड़िता को गलत ठहराते हुए पुरे परिवार का सामाजिक बहिष्कार कर दिया गया और नवजात बच्चे को मां से अलग कर 20 हजार रुपये में बेच देने का फैसला दिया गया.
पंचायत का कहना है कि पीड़िता ने पंच को मौलाना का नाम नहीं बताया था, जिसके आधार पर उसे दोषी नहीं माना गया, वहीं पीड़िता के परिजनों का कहना है कि लड़की ने पंचायत में मौलाना का नाम उसके डर के कारण नहीं लिया था, अब जब वह मौलाना का नाम ले रही है तो पंचायत उसकी बात नहीं सुन रही. जिसके बाद मामला पुलिस थाने पहुंचा और अब इसकी जांच की जा रही है. पुलिस ने नवजात को बेचने की कोशिश की जानकारी से इनकार किया है और बच्चे और दोनों आरोपितों के डीएनए टेस्ट कराने की बात कही है.