DESK : आज यानी 7 जुलाई को भारत के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का जन्मदिन है। आज वे अपना 41वां बर्थडे मना रहे हैं। टीम इंडिया में जगह बनाने के लिए धोनी को काफी स्ट्रगल करना पड़ा था। आपको याद होगा कि 23 दिसंबर 2004 को बांग्लादेश के खिलाफ डेब्यू मैच खेलने वाले धोनी का इस मैच में खाता भी नहीं खुला था। इसके बावजूद उन्होंने हार नहीं माना। धोनी ने पाकिस्तान के खिलाफअपने अंतरराष्ट्रीय करियर का पहला शतक लगाया था। इससे लोगों को इतना तो समझ आ गया था कि साधारण सा दिखने वाला ये क्रिकेटर कोई साधारण आदमी नहीं है। उन्होंने 123 गेंदों में ताबड़तोड़ 148 रन की पारी खेली थी। धोनी ने अपने टेस्ट क्रिकेट करियर की शुरुआत श्रीलंका के खिलाफ 2 दिसंबर 2005 में की थी। वहीं एमएस धोनी ने अपना पहला टी-20 इंटरनेशनल मैच 1 दिसंबर 2006 को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ जोहानिसबर्ग में खेला था। इस मैच में भी धोनी को निराशा ही मिली थी। उन्हें बिना खाता खोले पवेलियन लौटना पड़ा था। महेंद्र सिंह धोनी को बचपन में फुटबॉल खेलना पसंद था। लेकिन उन्होंने क्रिकेट को अपनी ज़िन्दगी का हिस्सा बना लिया।
धोनी के क्रिकेट में एंट्री के बाद भारतीय टीम को काफी फायदा मिला। धोनी को उनके क्रिकेट दिमाग के कारण जल्द ही टी20 टीम का कप्तान बनने का मौका मिल गया, जो उनके लिए बड़ी उपलब्धि थी। युवाओं से सजी टीम एमएस धोनी के नेतृत्व में 2007 के आईसीसी टी20 विश्व कप का खिताब जीतकर इतिहास रच दिया। इसके बाद धोनी ने 4 साल बाद भारतीय टीम को 28 साल बाद वनडे विश्व कप ट्रॉफी भी दिलवाई। धोनी के फैंस को बड़ा झटका 15 अगस्त 2020 को लगा था, जब उन्होंने सन्यास लेने का ऐलान कर दिया था।
एमएस धोनी को 2007 में भारतीय टीम का कप्तान बनाया गया। उनकी कप्तानी ने भारत ने कई बडे़ टूर्नामेंट जीते और इसकी शुरुआत टी-20 वर्ल्ड कप से हुई। 2007 में पाकिस्तान को फाइनल में हराकर धोनी ने पहला टी-20 विश्व कप भारत के नाम किया। इसके बाद धोनी को जल्द ही वनडे और टेस्ट की कप्तानी भी मिल गई। ख़ास बात तो ये है कि क्रिकेट से जिन लोगों का दूर-दूर तक रिश्ता नहीं होता, वे लोग भी महेंद्र सिंह धोनी को जानते हैं और उन्हें पसंद करते हैं। लड़कियां धोनी को माहि के नाम से बुलाती है। धोनी के जीवनी पर एक बायोपिक भी बनाई गई है, जिसका रोल दिवंगत नेता सुशांत सिंह राजपूत ने किया था।