MUMBAI: महाराष्ट्र में मचे सियासी घमासान पर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को सुनवाई होने वाली हैं. याचिका में शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस ने फ्लोर टेस्ट की मांग की है. इससे पहले ही तीनों दलों ने अपने विधायकों को अलग-अलग होटलों में शिफ्ट कर दिया है. यही नहीं इन पार्टियों ने एक-एक विधायकों की गिनती की.
सभी विधायकों का ले लिया गया मोबाइल
तीनों पार्टियों ने अपने विधायकों को अलग-अलग होटल में शिफ्ट किया है. विधायकों को किसी से मिलने पर रोक है. यहीं नहीं विधायकों को किसी से बात न हो इसको लेकर सभी विधायकों का मोबाइल ले लिया गया है. 8 निर्दलीय विधायकों को गोवा के एक होटल में ठहराया गया है. इन विधायकों ने शिवसेना को समर्थन देने का एलान किया है.
कांग्रेस ने भाजपा पर लगा जासूसी का आरोप
कांग्रेस नेता अशोक चह्वाण ने आरोप लगाया कि है कि बीजेपी नेताओं ने हमारे विधायकों को तोड़ने के लिए होटलों में कमरे बुक करवा रखे हैं. लेकिन, हमारे विधायक एकजुट हैं.
भतीजे के बयान के बाद चाचा शरद को देनी पड़ी सफाई
शरद ने ट्वीट किया कि ‘’महाराष्ट्र में बीजेपी के साथ गठबंधन बनाने को कोई सवाल नहीं है. एनसीपी ने सर्वसम्मति से शिवसेना और कांग्रेस के सहयोगी बनाने का फैसला किया है. इनके साथ ही सरकार बनाना है. लोगों के बीच भ्रम और गलत धारणा बनाने के लिए अजीत पवार का बयान गलत और भ्रामक है.’’
अजीत ने कहा था शरद साहब मेरे नेता
अजीत पवार ने ट्वीट कर कहा " मैं NCP में हूं और हमेशा NCP में ही रहूंगा. शरद पवार साहब हमारे नेता हैं. महाराष्ट्र में भाजपा और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का गठबंधन अगले पांच सालों के लिए स्थायी सरकार देगा. ये सरकार महाराष्ट्र और वहां के लोगों के कल्याण के लिए मजबूती से काम करेगी. " अजीत पवार ने कई ट्वीट किया था. एक ट्वीट में लिखा कि " चिंता करने का कोई कारण नहीं है. ALL IS WELL. हालांकि थोड़ा धैर्य रखने की जरूरत है. आपके समर्थन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद. "
सरकार बनाने के विवाद पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में होगी सुनवाई
बता दें कि महाराष्ट्र में बीजेपी और एनसीपी की नई सरकार बनाने का विवाद सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. सोमवार को इस मामले पर सुनवाई होगी. शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के शिकायतों पर यह सुनवाई होगी. तीनों दलों ने महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के देवेंद्र फडणवीस को सरकार बनाने के उस आदेश को रद्द करने की मांग की है, जिसमें उन्होंने सूबे में सरकार बनाने के लिए उनको को आमंत्रित किया था. दाखिल याचिका में शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी ने 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा में 154 विधायकों के समर्थन का दावा किया है. महाराष्ट्र में बीजेपी के साथ सरकार में अजीत पवार डिप्टी सीएम पद की शपथ ले चुके हैं. इसके बाद एनसीपी ने अजीत को विधायक दल के नेता से हटा दिया है.