महागठबंधन की रैली में बोले अखिलेश सिंह, मिलजुल कर काम करेंगे तो मोदी और शाह को जगह नहीं मिलेगी

महागठबंधन की रैली में बोले अखिलेश सिंह, मिलजुल कर काम करेंगे तो मोदी और शाह को जगह नहीं मिलेगी

PATNA: लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर पहली बार महागठबंधन की रैली का आयोजन हुआ। जिसमें महागठबंधन के सभी सातों दलों ने एकजुट होकर शक्ति प्रदर्शन किया। महागठबंधन की यह रैली पूर्णिया के रंगभूमि मैदान में हुई। रैली को संबोधित करते हुए कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश सिंह ने कहा कि बीजेपी विघटनकारी राजनीति करती है। जब तक महागठबंधन के नेताओं और  कार्यकर्ताओं में समन्वय नहीं होगा तब तक इस बड़ी लड़ाई को जीतने में सफलता नहीं मिलेगी।


सात दलीय महागठबंधन का यह पहला बड़ा शक्ति प्रदर्शन है। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, डिप्टी सीएम तेजस्वी प्रसाद यादव, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश सिंह और वाम दलों के नेता शामिल हैं। साथ ही साथ हाल ही में सिंगापुर में किडनी ट्रांसप्लांट के बाद दिल्ली लौटे आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव भी इस रैली को डिजिटल रूप से संबोधित किया। लालू ने कहा कि आरएसएस जो चाह रहा है वही नरेंद्र मोदी कर रहे हैं इसलिए इस बार 2024 में नरेंद्र मोदी की विदाई पक्की है। पूरी मजबूती के साथ देश को बचाना। उन्होंने महागठबंधन के विभिन्न दलों को एकजुटता बनाए रखने की बात की।    


वही कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश सिंह ने कहा कि कार्यकर्ताओं में जबतक समन्वयन नहीं होगा तब तक इस बड़ी लड़ाई को जीतने में सफलता में नहीं मिलेगी। कुछ लोग आते जाते रहेंगे उस पर चिंता नहीं करनी चाहिए। लोग लालच के चक्कर में आते जाते रहते हैं। कोई खुद की सिक्योरिटी और सीट बचाने के लिए दूसरे दल में जा रहा है और कोई अपना दल बना रहा है। उनकों जाने दीजिए रोकिये नहीं। उन्होंने कहा कि नीतीश जी इस लड़ाई को आगे बढ़ाईए कांग्रेस पूरी मुस्तैदी से आपके साथ हैं। कुछ बयानवीर लोग हर पार्टी में होते हैं मेरी पार्टी में भी है। 


उन्होंने कहा कि कांग्रेस ऐसी पार्टी है जो 137 साल के इतिहास में कभी भी भाजपा और आरएसएस के साथ समझौता नहीं किया। मुझे पूरा उम्मीद है जब महागठबंधन के सभी साथी मिलजुल कर काम करेंगे तो यहां मोदी और अमित शाह के लिए कोई जगह नहीं मिलेगी। चालीस की चालीस सीटें महागठबंधन के पास रहेगी। 


अखिलेश सिंह ने कहा कि पिछले दस साल में मनमोहन सिंह की नेतृत्व वाली सरकार में पूरे देश में 236 छापेमारी ईडी ने की थी लेकिन आठ साल के छापे में मोदी सरकार ने 3200 छापे मारने का काम किया और नेताओं का मुंह बंद करने का काम किया है। सबसे ज्यादा छापा कांग्रेस के नेताओं पर पड़ा है। सरकार बदलने के बाद लालू और ललन सिंह पर छापेमारी की गयी। विघटनकारी राजनिति बीजेपी करती है।कार्यकर्ताओं में जब तक समन्वय नहीं होता तब तक इस बड़ी लड़ाई को जीतने में बड़ी दिक्कत होगी। जब महागठबंधन के सभी साथी मिलजुल कर काम करेंगे तो यहां मोदी और अमित शाह के लिए कोई जगह नहीं मिलेगी।