मगध यूनिवर्सिटी के छात्रों का भविष्य अधर में, दो साल से नहीं मिला रिजल्ट

मगध यूनिवर्सिटी के छात्रों का भविष्य अधर में, दो साल से नहीं मिला रिजल्ट

ARWAL: मगध यूनिवर्सिटी के लच्चर रवैय्ये से परेशान छात्रों ने आज अरवर में आक्रोश मार्च निकाला। दो साल से छात्रों को विश्वविद्यालय की तरफ से रिजल्ट तक नहीं मिला है। अपने भविष्य को लेकर छात्र काफी परेशान हैं। लंबित रिज़ल्ट जारी करने, लंबित परीक्षा आयोजित करने, सरकारी नौकरियों में छात्रों को दो साल उम्र में छुट देने सहित कई मांगों को छात्रों ने रखा। इस दौरान गोदानी सिंह कॉलेज अरवल से भगत सिंह चौक तक छात्रों ने मार्च निकाला और अपनी मांगे सरकार के समक्ष रखी। 


मगध विश्वविद्यालय के छात्रों के भविष्य के साथ किए जा रहे खिलवाड़ और विश्वविद्यालय में फैली भ्रष्टाचार, बदहाली और प्रशासनिक अराजकता को लेकर अरवल में छात्रों ने आक्रोश मार्च निकाला। जिसमें स्नातकोत्तर व अरवल जिला के विभिन्न कॉलेजों के स्नातक छात्र शामिल हुए। लंबित रिज़ल्ट जारी करने,लंबित परीक्षा लेने, नौकरियों में दो साल आयु कम करने, छात्रों की शिक्षा व जीविका भत्ते के लिए राज्य द्वारा वित्त का प्रबंध करने, छात्राओं के स्नातक प्रोत्साहन राशि व छात्रवृत्ति जारी रखने, स्थायी कुलपति, कुलसचिव व परीक्षा नियंत्रक बहाल करने की मांग छात्रों ने की।


गोदानी सिंह कॉलेज अरवल से आक्रोश मार्च निकला जो भगत सिंह चौक पर सभा में तब्दिल हो गया। सभा को संबोधित करते हुए स्नातकोत्तर छात्र रोहित आचार्य ने कहा कि छात्र अपनी जिंदगी संवारने के लिए कॉलेज, विश्वविद्यालय में नामांकन करवाते हैं लेकिन परीक्षा और रिजल्ट दो वर्षों से लंबित होने के कारण छात्रों के पैरों से जमीन खिसक गया है। सत्र अनियमितता को लेकर साल-दर-साल केवल पेपरबाजी होती रहती है कि मगध विश्वविद्यालय के सत्र को नियमित किया जा रहा है लेकिन आज मगध विश्वविद्यालय की स्थिति किसी आँगनबाड़ी से भी बदतर स्थिति में है, जहाँ साल तो निकल जा रहे हैं मगर छात्र वही के वही रह जा रहे हैं। जिसका जिम्मेवार राज्यपाल और बिहार सरकार हैं। 


भ्रष्टाचार में लिप्त कुलपति राजेंद्र प्रसाद के इस्तीफे के बाद विश्वविद्यालय में काम कम कार्यवाहक कुलपति, कुलसचिव व परीक्षा नियंत्रक ज्यादा बदले गए जबकि सत्र अनियमितता और भ्रष्टाचार को देखते हुए स्थायी कुलपति की बहाली इस्तीफा के बाद ही कर देना चाहिए था लेकिन नहीं किया गया। राज्यपाल के इस तरह का रवैया को देखते हुए हम छात्र माँग करते हैं कि विश्वविद्यालय में वन पोस्ट, वन मैन का नियम लागू होना चाहिए। विश्वविद्यालय के विभिन्न कार्यों जैसे परीक्षा, प्रवेश पत्र, रिज़ल्ट व अन्य कार्यों के लिए नई ऐजेंसियों की टेंडर की प्रक्रिया चल रही थी वह भी लंबित रह गया और 27 दिसम्बर, 2022 को छात्र आंदोलनों के दबाव में कार्यवाहक कुलपति ने आनन-फानन में पुरानी एजेंसी से ही काम करवाने का निर्णय लिया है, जो मगध विश्वविद्यालय की समस्याओं से पीड़ित छात्रों को गुमराह करने वाला हथकंडा है।


छात्रों का कहना था कि परीक्षा और रिजल्ट के तिथियों के नाम पर छात्रों को धोखा देने का काम किया गया है। इस शोषण का शिकार हम छात्र ही हो रहे हैं। 2023 में इंटर की परीक्षा उत्तीर्ण छात्रों के साथ भी यही होने वाला है, जिसे मगध बर्दाश्त नहीं करेगा। विश्वविद्यालय की व्यवस्था को लूटपाट की साजिश तहत इस तरह की अव्यवस्था को फैलाया गया है, जिसकी केंद्रीय उच्च स्तरीय जाँच संगठन द्वारा जाँच होनी चाहिए और दोषियों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए अन्यथा नहीं तो विश्वविद्यालय राज्य द्वारा संचालित होने चाहिए|


छात्र नेता पंचम सम्राट ने कहा  कि मगध प्रमंडल के साथ भेदभाव किया जा रहा है। एक तरफ पटना प्रमंडल के लिए मगध विश्वविद्यालय को ही विखंडित करके वीर कुंवर सिंह और पाटलिपुत्रा विश्वविद्यालय बनाया गया साथ ही अन्य नये-नये सरकारी विश्वविद्यालय भी खोले गए वहीं दूसरी ओर मगध में नया विश्वविद्यालय खुलने की तो दूर की बात है, मगध विश्वविद्यालय के जमीन को बेचा दिया जा रहा है और रिज़ल्ट व परीक्षा ही वर्षों से लंबित रह रहा है। अरवल के बेलखारा में डिग्री कॉलेज का भवन निर्माण केवल चुनाव जीतने का हथकंडा बनकर रह गया है |


स्नातक छात्र सूरज कुमार, विकास कुमार, निरज व रोहित का कहना था कि रिज़ल्ट और डिग्री ना मिलने से उच्च शिक्षा व सरकारी नौकरियों के फॉर्म भरने से वंचित हो रहे हैं। इस आक्रोश मार्च में अमित वर्मा, अतिश कुमार, अवित कुमार, हिमांशु कुमार,संजिव सम्राट , विपुल कुमार ,सेजल कुमारी,विणा कुमारी,नेहा कुमारी व अन्य छात्र/छात्राएं शामिल रहें।