माध्यमिक शिक्षक संघ की मांग, गर्मी की छुट्टी में किये जा रहे काम से एडजस्ट हो हड़ताल अवधि का वर्किंग डे

माध्यमिक शिक्षक संघ की मांग, गर्मी की छुट्टी में किये जा रहे काम से एडजस्ट हो हड़ताल अवधि का वर्किंग डे

PATNA : बिहार सरकार की ओर से सभी शिक्षकों की गर्मी की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं. आपात स्थिति को देखते हुए शिक्षा विभाग की ओर से यह बड़ा फैसला लिया गया है. सरकार के इस फैसले के बाद बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ ने इन छुट्टियों को हड़ताल अवधि का वर्किंग डे के रूप में एडजस्ट करने की अपील की है.


बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रवक्ता अभिषेक कुमार ने शिक्षा विभाग से मांग की है कि शिक्षकों के हड़ताल अवधि में कार्य दिवसों की क्षति की पूर्ति का समंजन उनके द्वारा गर्मी की छुट्टियों में किये जा रहे कार्य से की जाये. गौरतलब तलब है कि प्राथमिक शिक्षा निदेशक डॉ रंजित कुमार सिंह ने गुरुवार को कोरोना वैश्विक महामारी(कोविड-19) की आपदा व कोरोंटाईन सेंटर में ली जा रही ड्यूटी के मद्देनजर राज्य के सभी कोटि के शिक्षकों की गर्मी की छुट्टी के रद्द करने के शिक्षा विभाग के आदेश की जानकारी दी.


उन्होंने कहा कि राज्य के प्राथमिक व मध्य विद्यालयों के शिक्षक 17 फरवरी से एवं माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षक 25 फरवरी से अपनी मांगों के समर्थन में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर थे। मगर कोरोना वैश्विक महामारी को देखते हुए तथा राज्य सरकार के अनुरोध व शिक्षा विभाग के लिखित आश्वासन पर 4 मई को अपनी हड़ताल समाप्त कर दी। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव द्वारा शिक्षक संघों को दिए गए अपने पत्र में जो प्रमुख बातें कहीं गई थी उनमें हड़ताल अवधि में शिक्षकों पर सरकार के द्वारा की गई सभी दंडात्मक कार्रवाई को वापस ली जाएगी, हड़ताल अवधि में सरकार का नो वर्क-नो पे का सिद्धांत अक्षुण्ण रखते हुए हड़ताल अवधि को छुट्टियों में समांजित किया जाएगा एवं सामंजन के उपरांत इस अवधि का भुगतान किया जाएगा तथा सामान्य स्थिति होने पर शिक्षकों की मांगों पर संघ के प्रतिनिधियों से वार्ता की जाएगी।


उन्होंने कहा कि भारत सरकार व राज्य सरकार के  निर्णयानुसार लाक टाउन अवधि तथा फरवरी माह में कार्यरत अवधि का वेतन भुगतान करने सहित शिक्षा विभाग ने हड़ताल अवधि में शिक्षकों पर किए गए अनुशासनिक कार्रवाई के तहत निलंबन वापसी का आदेश तो जारी कर दिया मगर एफआईआर वापस लेने सहित हड़ताल अवधि के कार्य दिवसों के समंजन तथा इस अवधि के वेतन भुगतान का आदेश अभी तक नहीं जारी किया है।


उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग द्वारा जारी माध्यमिक विद्यालयों के शैक्षिक कैलेंडर 2020-2021 के अनुसार 18 मई से 10 जून तक कुल 23 दिनों का माध्यमिक व उच्च माध्यमिक विद्यालयों में ग्रीष्मावकाश की छुट्टियां घोषित है तो वही शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव द्वारा 18 मई को जारी आदेश के आलोक में राज्य के सभी प्राथमिक से लेकर उच्च माध्यमिक तक के शिक्षक (महिला व विकलांग शिक्षक सहित) अपने विद्यालय तथा अन्य विद्यालयों में योग्यता व विशेषज्ञता के अनुसार गर्मियों की छुट्टियों में लॉकडाउन की परेशानियों को झेलते हुए कोरोंटाईन सेंटरों में लगातार अपनी सेवा दे रहे। इसके अतिरिक्त हड़ताल समाप्ति के दूसरे दिन से ही अधिकांश शिक्षकों की सेवा कोरोंटाईन सेंटरों, रेलवे स्टेशनों, कोविड19 के वाहन कोषांगो, राशन वितरण कार्य आदि में लिया जा रहा है।


उन्होंने कहा कि 25 फरवरी से 24 मार्च तक यदि कुल कार्य दिवसों की गणना की जाए तो 22 दिनों की क्षतिपूर्ति का समंजन शिक्षकों को करना है तो वही ग्रीष्मावकाश में कुल 23 दिनों की छुट्टी पूर्व से शिक्षा विभाग द्वारा तय की गई है। कोरोना वैश्विक महामारी (कोविड-19) में बिना किसी साधन व संसाधन यथा गलब्स, मास्क, सेनेटाईजर, पीपीई किट आदि के गर्मी के छुट्टी में कार्य कर रहे शिक्षकों को इस अवधि को कार्यदिवस मानते हुए क्षतिपूर्ति का समंजन किया जाए तथा हड़ताल अवधि के वेतन भुगतान सहित एफ आई आर वापसी का निदेश जारी किया जाए।


ज्ञात हो कि 25 मार्च से केंद्र सरकार के द्वारा पूरे देश में संपूर्ण लॉक डाउन घोषित की गई थी और 4 मई को हड़ताल समाप्ति के बाद लगभग सभी शिक्षक शिक्षा विभाग के निदेश पर अपने संबंधित जिला के डी पी ओ व बि ई ओ कार्यालय में 5 मई को योगदान कर लिए थे। वैसे राज्य सरकार ने 13 मार्च से ही कोरोना वैश्विक महामारी को देखते हुए राज्य में कई प्रतिबंध लगाए थे। जिसके तहत शिक्षा विभाग ने भी 13 मार्च से सभी स्कूलों को बंद कर दिया था। मगर शिक्षकों को विद्यालय आने का निर्देश दिया गया था।