PATNA : मधुबनी नरसंहार को लेकर चौतरफा आलोचना झेल रही नीतीश सरकार की परेशानी और बढ़ गई है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद अब अपने ही गठबंधन के नेताओं के निशाने पर हैं. पहले सरकार के मंत्री नीरज कुमार सिंह ने पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाए थे और अब बीजेपी विधायक ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू ने नीतीश की पुलिस को निकम्मा कह दिया है.
ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू ने कहा है कि बिहार में शराबबंदी के बाद पुलिस को भ्रष्टाचार करने का मौका मिल गया है. पुलिस को शराब जैसे मामलों से अलग रखा जाना चाहिए था लेकिन सरकार ने उसे शराबबंदी को सफल बनाने के काम में लगा दिया, नतीजा यह है कि पुलिस अवैध वसूली और शराब माफिया के साथ मिलकर खेल खेल रही है.
BJP विधायक ने कहा है कि अगर इस मामले में बीजेपी विधायक का नाम सामने आ रहा है तो उनके ऊपर भी जांच के बाद कार्रवाई होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि विधायक उनके पार्टी के हैं या किसी दूसरे दल के. मधुबनी में जिस तरह नृशंस घटना को अंजाम दिया गया उसके बाद दोषियों को नहीं बख्शा जाना चाहिए.
क्या था पूरा मामला
मधुबनी के बेनिपट्टी थाना क्षेत्र के महमदपुर गांव में होली के दिन रंगों की जगह खून से होली खेली गई। जिसमें कुल पांच लोगों की हत्या कर दी गयी थी। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक करीब 30-35 की संख्या में आये अपराधियों द्वारा ताबड़तोड़ फायरिंग की गयी जिसमें दो लोगों की घटनास्थल पर मौत हो गयी जबकि घायल तीन लोगों ने अस्पताल जाने के दौरान ही दम तोड़ दिया। तालाब में मछली मारने के विवाद को लेकर नरसंहार की इस बड़ी घटना को अंजाम दिया गया। घटना के बाद पुलिस का रवैया भी काफी लापरवाही भरा रहा। एक तो पुलिस घटना के घंटों बाद पहुंची जिससे लोगों में पुलिस के प्रति काफी आक्रोश देखा गया। दूसरी तरफ इसे जातीय हिंसा का रूप देने की भी कोशिश की गई।