बांका, भागलपुर और मधेपुरा में हुई मौत पर बोले उत्पाद कमिश्नर..जहरीली शराब से नहीं हुई किसी की मौत

बांका, भागलपुर और मधेपुरा में हुई मौत पर बोले उत्पाद कमिश्नर..जहरीली शराब से नहीं हुई किसी की मौत

PATNA: बिहार के अलग-अलग जिलों से शराबबंदी के बावजूद शराब पीने की वजह से करीब 37 लोगों की मौत हो चुकी है। भागलपुर,बांका और मधेपुरा में कई लोगों की मौत शराब पीने की वजह से हुई है लेकिन सरकार और उत्पाद विभाग के पास इन मौतों के पीछे के कारणों का पता नहीं है। संदेहास्पद स्थिति में हुई मौत के बाद इस पूरे मामले पर जिला प्रशासन लीपापोती करने में जुटा है। उत्पाद विभाग के कमिश्नर बी. कार्तिकेय ने बताया कि जहरीली शराब पीने की बात सामने नहीं आई है। 


उत्पाद विभाग के कमिश्नर बी. कार्तिकेय ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि अब तक जो जानकारी निकलकर सामने आई है उसमें किसी भी प्रकार से जहरीली शराब के सेवन करने की बात सामने नहीं आयी है। मृतक के परिजनों ने अंतिम संस्कार पहले ही कर दिया था। इसलिए पता ही नहीं चल सका की इनकी मौत कैसे हुई?


वही पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि लोगों मौत बीमारी से हुई है ना कि जहरीली शराब से। हालांकि इस सवाल पर एक्साइज कमिश्नर बी. कार्तिकेय गोलमोल जवाब देकर अपना पल्ला झाड़ते दिखे। अब बड़ा सवाल यह है कि आखिर इस मौत का जिम्मेदार कौन है? अब सवाल यह उठता है कि यदि बीमारी से मौत हुई है तो अब तक स्वास्थ्य विभाग की तरफ से कोई मेडिकल टीम का गठन क्यों नहीं किया गया? हालांकि एक्साइज कमिश्नर गवाह की बातें कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि गवाह लाने की जिम्मेवारी पुलिस की है। 


अन्य मामलों में पुलिस तो जांच कर लेती है लेकिन शराब से मौत के मामले पर पुलिस की जांच एक दिन में ही कैसे क्लियर हो जाती है कि लोगों की मौत की जांच इसलिए स्पष्ट नहीं हो पाएगा क्योंकि उनका अंतिम संस्कार पहले ही कर दिया गया था। इसलिए पुख्ता तौर पर यह नहीं कहा जा सकता है कि इनकी मौत शराब पीने से हुई है। 


बांका में पोस्टमार्टम के लिए परिजन तैयार नहीं थे और बिना पोस्टमार्टम के लिए दाह संस्कार कर दिया। भागलपुर में पोस्टमार्टम कराया गया है लेकिन अभी रिपोर्ट नहीं आई है। स्थानीय पुलिस पूरे मामले की छानबीन कर रही है।