मां के बाद पापा ही सुशांत के लिए सबकुछ थे, आज फादर्स डे पर गुलशन ने पहली बार आवाज नहीं दी

मां के बाद पापा ही सुशांत के लिए सबकुछ थे, आज फादर्स डे पर गुलशन ने पहली बार आवाज नहीं दी

PATNA : बॉलीवुड एक्ट्रेस सुशांत सिंह राजपूत के चले जाने की बात भले ही आम लोग भूल जाएं. लेकिन उनका परिवार आजीवन के दर्द को नहीं भूलेगा. सुशांत के पिता अभी अपने बेटे के चले जाने के गम से उभरे नहीं हैं. सुशांत को गए हुए आज 1 हफ्ते हो गए लेकिन उनके पिता के किसी की जुबान से अब तक गिने-चुने शब्द ही बाहर आ पाए हैं. 18 साल पहले सुशांत सिंह राजपूत की मां जब इस दुनिया से चली गई थीं. तब सुशांत बेहद छोटे थे. मां के चले जाने के बाद सुशांत का ख्याल उनके पिता के के सिंह ने रखा. घर में सुशांत को प्यार से सभी गुलशन बुलाते थे. पिता ने कभी गुलशन को मां की कमी महसूस नहीं होने दी. बावजूद इसके सुशांत अपनी मां को कभी भूल नहीं पाए.


सुशांत जब पटना में स्कूलिंग के बाद इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने लगे, तब से फादर्स डे का प्रचलन आया. सुशांत भले ही पटना में ना रहे लेकिन उन्होंने फादर्स डे के दिन सुबह सवेरे अपने पापा के के सिंह को फोन जरूर किया करते थे. पापा को फादर्स डे की बधाई देते हुए सुशांत एक खास गाना सुनाते थे. परिवारिक सूत्रों से मिली सुशांत के परिवार को नजदीक से जानने वाले बताते हैं कि वह अपने पापा को आमिर खान की फिल्म का एक पुराना गाना जरूर सुनाते थे. "पापा कहते हैं, बेटा नाम करेगा" वाला गाना जब सुशांत अपने पापा को सुनाते थे तो वह अपने बेटे के दूर होने की उदासी भूल जाते थे.




आज पहली बार ऐसा हुआ कि के के सिंह को उनके गुलशन ने ना तो फादर्स डे की बधाई दी और ना ही हर साल की तरह इस बार गाना ही सुनाया. मुंबई में बेटे सुशांत सिंह राजपूत की अंत्येष्टि के बाद उनकी अस्थियां लेकर पटना वापस आए पिता के के सिंह अपने परिवार के साथ राजीव नगर आवास पर हैं. घर पर ढांढस बंधाने वाले लोगों के आने का सिलसिला जारी है लेकिन के के सिंह की जुबान बेटे के जाने के गम में बंद हो चुकी है. आंखों से आंसू की चंद बूंदे निकलती हैं और किसी तरह बस दोनों हाथ जोड़ पाते हैं.