BIHAR: बंद बोरे में शव मिलने की अफवाह का वैशाली पुलिस ने किया खुलासा, बोरे से निकला दर्जनों मरा हुआ चूहा BIHAR: कंपाउंडर के बेटे ने नीट में 390 रैंक हासिल कर पिता का सपना किया साकार, पहले प्रयास में मिली सफलता बिहार वैश्य महासभा के प्रदेश अध्यक्ष आनंद कुमार बने धार्मिक न्यास पर्षद के सदस्य, वैश्य समाज के लोगों ने दी बधाई ROHTAS: जेल से छूटकर आने के बाद भाई के जख्म का लिया बदला, चलती बस में आरोपी को मारा चाकू ARRAH: समाजसेवी अजय सिंह ने बखोरापुर में मनाया जन्मदिन, खिलाड़ियों और छात्रों को किया सम्मानित डोमिसाइल नीति पर तेजस्वी यादव और आरजेडी की दोहरी सोच बेनकाब: ऋतुराज सिन्हा भाजपा को चाहिए सिर्फ आपका वोट, सीवान में बोले मुकेश सहनी..आपकी तकलीफों से बीजेपी कोई लेना-देना नहीं How to Become Pilot: 12वीं के बाद पायलट बनने का सपना करें पूरा, जानें... कौन सा कोर्स है जरूरी Bihar News: 19 जून को इस जिले में लगेगा रोजगार कैंप, 8वीं पास से लेकर ITI वालों तक के लिए नौकरी Bihar News: शराब मामले में गिरफ्तार महादलित युवक की जेल में मौत, परिजनों का हंगामा
1st Bihar Published by: Updated Fri, 18 Dec 2020 01:44:38 PM IST
- फ़ोटो
DESK : उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने लव जिहाद को लेकर धर्मांतरण पर जो नया कानून बनाया है, उस मामले में सरकार को बड़ी राहत मिली है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लव जिहाद से जुड़े अध्यादेश पर अंतरिम रोक लगाने से इनकार कर दिया है. कोर्ट ने योगी सरकार को कहा है कि वह इस मामले में विस्तृत जवाब दे. उत्तर प्रदेश सरकार को जवाब के लिए 4 जनवरी तक का वक्त दिया गया है. हाईकोर्ट अब इस मामले की अंतिम सुनवाई 7 जनवरी को करेगा.
योगी सरकार ने लव जिहाद के मुद्दे पर धर्मांतरण रोकने के लिए जो कानून बनाया है उसे चार अलग-अलग याचिकाओं के जरिए इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी. इन याचिकाओं में आरोप लगाया गया था कि सरकार राजनीतिक फायदा लेने के लिए यह अध्यादेश लेकर आई है. याचिकाकर्ताओं ने यह मांग की थी कि अब तक लव जिहाद कानून के तहत जितने भी केस दर्ज हुए हैं, उनमें आरोपियों को ना तो गिरफ्तार किया जाए और ना ही इसमें किसी तरह की कार्रवाई हो.
हाई कोर्ट में इस मामले की सुनवाई के दौरान सरकार ने भी अपना पक्ष रखा. सरकार ने कोर्ट के सामने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए यह अध्यादेश जरूरी हो गया था. सरकार की तरफ से यह भी कहा गया है कि यूपी में धर्मांतरण के बढ़ते मामलों को देखते हुए कानून व्यवस्था की समस्या पैदा हो रही थी इसलिए अध्यादेश लाया गया. सरकार ने 24 नवंबर को विवाह के लिए जबरन या झूठ बोलकर धर्म परिवर्तन के मामलों से निपटने के लिए यह अध्यादेश लागू किया था, जिसके अंतर्गत किसी भी दोषी व्यक्ति को 10 साल तक की कैद हो सकती है. 28 नवंबर को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने इस अध्यादेश को मंजूरी दे दी थी. बाद में इसे हाईकोर्ट में चुनौती दी गई और अब कोर्ट ने योगी सरकार से इस मामले पर विस्तृत जवाब देने को कहा है.