DELHI: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में नागरिकता संशोधन बिल पेश कर दिया है. विपक्ष के भारी हंगामे के बीच लोकसभा में नागरिकता संशोधन बिल पेश कर दिया गया है. बिल पेश करने के बाद अमित शाह ने कहा है कि ये बिल अल्पसंख्यकों के खिलाफ नहीं है.
अमित शाह ने लोकसभा में कहा कि बिल पर वह हर सवाल का जवाब देंगे. उन्होंने कहा कि बिल पर विपक्ष को बोलने का पूरा मौका दूंगा. अमित शाह ने कहा कि बिल पर चर्चा हो सकती है, बिल के मेरिट पर नहीं. आपको बता दें कि बिल के विरोध में असम में आज बंद बुलाया गया है.
नागरिकता (संशोधन) विधेयक, 2019 के मुताबिक पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धार्मिक उत्पीड़न के कारण 31 दिसम्बर 2014 तक भारत आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को अवैध शरणार्थी नहीं माना जाएगा बल्कि उन्हें भारतीय नागरिकता दी जाएगी. इसमें मुस्लिम वर्ग का जिक्र नहीं है. यह विधेयक 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी का चुनावी वादा था. इससे पहले भी मोदी सरकार के पहले कार्यकाल के दौरान इसी साल 8 जनवरी को यह बिल लोकसभा में पारित हो चुका है. लेकिन इसके बाद पूर्वोत्तर में इसका हिंसक विरोध शुरू हो गया, जिसके बाद सरकार ने इसे राज्यसभा में पेश नहीं किया.