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1st Bihar Published by: Updated Wed, 11 Aug 2021 05:50:16 PM IST
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DESK: अन्य पिछड़ा वर्ग यानी OBC की पहचान करने और सूची बनाने का राज्यों का अधिकार फिर से बहाल होगा। लोकसभा से ये बिल 10 अगस्त को पास हुआ था और आज वोटिंग के जरिए राज्यसभा से भी ओबीसी आरक्षण से जुड़ा यह अहम बिल पारित हो गया। इसके पक्ष में 187 वोट पड़े। ऐसे में OBC लिस्ट तैयार करने का अधिकार राज्यों को मिलेगा। अब बिल मंजूरी के लिए राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा।
गौरतलब है कि लोकसभा ने बीते मंगलवार को 127वें संविधान संशोधन के जरिए OBC से जुड़े इस विधेयक को भारी बहुमत से पारित किया था। विधेयक के पक्ष में 385 मत पड़े जबकि विपक्ष में एक भी वोट नहीं पड़ा। संविधान संशोधन विधेयक पर आज राज्यसभा में भी चर्चा हुई। राज्यसभा में भी ओबीसी आरक्षण बिल पारित हो गया।
राज्यसभा में आज 127 वां संविधान संशोधन विधेयक, 2021 पर चर्चा हुई। लंबी बहस के बाद इस बिल पर मत विभाजन कराया गया। कुछ सांसदों ने संशोधन भी पेश किए लेकिन संशोधन खारिज हो गया। इस तरह वोटिंग के जरिए राज्यसभा में OBC आरक्षण से जुड़ा यह अहम बिल पारित हो गया।
ओबीसी आरक्षण बिल के पक्ष में 187 वोट पड़े। हालांकि लोकसभा से यह बिल कल यानी 10 अगस्त को ही पास हो गया था और राज्यसभा ने भी इसे हरी झंडी मिल गयी है। ऐसे में OBC लिस्ट तैयार करने का अधिकार राज्यों को मिलेगा। ऐसे में अब बिल मंजूरी के लिए राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा। उनके हस्ताक्षर के साथ ही यह कानून के तौर पर लागू हो जाएगा। इसके तहत देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अपने स्तर पर ओबीसी आरक्षण के लिए जातियों की सूची तय करने और उन्हें कोटा देने का अधिकार होगा।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री विरेंद्र कुमार के प्रस्ताव के साथ राज्यसभा में OBC बिल पर चर्चा शुरू हुई। जिसके बाद कांग्रेस सांसद अभिषेक मनु सिंघवी ने बिल का समर्थन करते हुए इस बिल को अर्थहीन बताया।
अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि OBC बिल के माध्यम से सरकार राज्यों को एक काग़ज़ी दस्तावेज भर थमा रही है। जो किसी काम का नहीं है। देश के 80 फीसदी राज्यों में आरक्षण की सीमा पहले ही 50 फीसदी को पार कर चुकी है। अब राज्य OBC की नई सूची बनाकर क्या करेगी?
बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम व बीजेपी सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि वे संविधान संशोधन विधेयक के समर्थन में खड़े हैं। पिछड़ों को सम्मान सिर्फ़ उन सरकारों से मिला जिनमें जनसंघ और बीजेपी शामिल थीं। वीपी सिंह की सरकार में जनसंघ के लोग शामिल थे जिसने मंडल आयोग लागू किया।
सुशील मोदी ने आरएसएस के दत्ता त्रेय होसबोले के बयान को सदन में कोट किया कि आरक्षण तब तक रहेगा जब तक समाज में उसकी ज़रूरत रहेगी। सुशील मोदी ने कहा कि 2024 में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही बनेंगे क्योंकि सबका साथ सबका विकास वही करेंगे और कोई नहीं करेगा।