लॉकडाउन ने बिहार को बचाया वरना महाराष्ट्र-गुजरात पीछे छूट जाता, डिप्टी सीएम बोले.. चुनौती बरकरार है

लॉकडाउन ने बिहार को बचाया वरना महाराष्ट्र-गुजरात पीछे छूट जाता, डिप्टी सीएम बोले.. चुनौती बरकरार है

PATNA : बिहार के डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने पीएम नरेन्द्र मोदी और सीएम नीतीश कुमार  को धन्यवाद देते हुए कहा है कि समय से लागू लॉकडाउन के कारण देश में लाखों जिंदगिया बचायी जा सकी हैं। उन्होनें कहा कि इसी के परिणामस्वरूप अमेरिका जैसे विकसित देश में जहां 1.07 लाख से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं वहीं भारत में भी अब तक 5,829 मौतें हुई हैं। 


डिप्टी सीएम ने कहा कि विकसित राज्यों में शुमार महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमण से 2,465 और गुजरात में जहां 1,092 मौतें हुई हैं वहीं बिहार में प्रभावी पहल के कारण मौतों की संख्या 25 तक सीमित है। बिहार में रिकवरी रेट करीब 48 फीसदी है। मगर जितनी बड़ी संख्या में प्रवासी श्रमिक लौट रहे हैं, क्वरंटाइन अवधि पूरा कर लोग अपने घरों में जा रहे है, बाजार खुल गए हैं, बसें चलना प्रारंभ हो गई हैं, ऐसे में आने वाले दिनों में संक्रमण को रोकना बड़ी चुनौती होगी।


सुशील मोदी ने कहा कि कोरोना से डरना नहीं, लड़ना है। एचआईबी एड्स, टीवी, स्मॉल पॉक्स आदि की तरह कोरोना के साथ भी जीना सीखना होगा। कोरोना की अभी कोई दवा या टीका नहीं है, ऐसे में सावधानी बरत कर ही संक्रमण को रोकना होगा। पंचायतों की दी गई 160 करोड़ की राशि का उपयोग कर सभी को मास्क और साबुन वितरित करें। शहरों में भी मुफ्त में मास्क वितरित किए जा रहे हैं।  


सुशील मोदी ने कहा कि लॉकडाउन लागू कर जहां कोरोना जैसी महामारी के संक्रमण को प्रभावी ढंग से रोका गया वहीं अब मास्क पहन कर दोहरी सुरक्षा को अपनाने की जरूरत है। मास्क पहनने वाला जहां दूसरों को संक्रमित होने से बचाएगा वहीं खुद को भी सुरक्षित रखेगा। गमछी, रूमाल व तौलिया का भी इस्तेमाल करें। इसके अलावा डब्ल्यूएचओ के मानकों शारीरिक दूरी, दो गज की सामाजिक दूरी, साबुन से बार-बार हाथ धोकर व सफाई आदि को अपना कर कोरोना के संक्रमण का मुकाबला किया जा सकता है।