पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ़ इंडिया का दावा, लॉकडाउन के कारण ही बच सकी हैं लाखों जिंदगी, नहीं तो ये होता आंकड़ा

पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ़ इंडिया का दावा, लॉकडाउन के कारण ही बच सकी हैं लाखों जिंदगी, नहीं तो ये होता आंकड़ा

DESK : लॉकडाउन से क्या फायदा हुआ?  ये सवाल देश की विपक्षी पार्टी सरकार से हमेशा पूछती रही है. साथ ही लोगों के मन में भी ये सवाल कभी न कभी जरुर आया होगा. कोरोना के बढ़ते मामले और मौत का आकडों देखकर ये सवाल उठाना लाजमी भी है. पर इन सवालों पर विराम लगते हुए पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया ने एक रिपोर्ट पेश की है जिसमे दावा किया गया है कि लॉकडाउन की वजह से कम से कम 78 हजार लोगों की जिंदगी बचाई जा सकी है.  

पब्लिक हैल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया का मानना है कि लॉकडाउन की वजह से ही हजारों कीमती जानों को बचाने में मदद मिली है. लॉकडाउन करने से महामारी को कुछ इलाकों तक सीमित करने में सफलता मिली और स्वास्थ्य से जुड़े बुनियादी ढांचे को खड़ा किया जा सका. जैसे ही सरकार की तरफ से रियायत मिली वैसे ही कोरोना संक्रमितों की तादाद में इजाफा होने लगा. संक्रमितों की संख्या अब रोजाना हजार में नहीं बल्कि पांच-पांच हजार तक पहुंच रही है. कल अब तक में सबसे ज्यादा सात हजार नए मरीज मिले. 


देश में अब पहले से ज्यादा टेस्टिंग भी हो रही है, इसलिए भी मामलों में बढ़ोतरी देखी गई है. देश में 25 मार्च से लॉक डाउन लगाने का आदेश नहीं हुआ होता तो आज कोरोना मरीजों की संख्या करीब साढ़े चौबीस लाख होती, और मरने वालों की संख्या 78 हजार तक पहुचं गई होती.  

पब्लिक हैल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया  से अलग मिनिस्ट्री ऑफ स्टैटिस्टिक और इंस्टीट्यूट ऑफ स्टैटिस्टिक की स्टडी कहती है कि लॉकडाउन करने से 20 लाख लोगों को कोरोना संक्रमित होने से बचाया गया है. साथ ही शुरूआती दिनों में आये केसेस के बारे में उनका कहना है कि शुरूआत में मामले कम थे और टेस्टिंग के लिए पर्याप्त मात्रा में किट्स भी उपलब्ध नहीं थे. इस वजह से प्रतिदिन कम मामले दर्ज होते थे, पर अब लॉक डाउन में कुछ ढील दी गई है, यात्रा और आया-गमन को शुरू कर दिया गया है साथ ही टेस्टिं भी अब पहले से ज्यादा हो रही है इस वजह से कोरोना के मामलों में भारी इजाफा देखा जा रहा है.

देश में अब तक कोरोना के 28 लाख से ज्यादा टेस्ट किया जा चूका है. सबसे ज्यादा टेस्ट अमेरिका में किया गया है. वहां एक करोड़ 34 लाख 79 हजार लोगों के टेस्ट हुए हैं. इनमें से सोलह लाख से ज्यादा पॉजिटिव पाए गए है. ब्रिटेन ने 81 लाख लोगों का टेस्ट किया, इनमें से सवा तीन लाख से ज्यादा पॉजिटिव मिले. इसी तरह स्पेन ने तीस लाख टेस्ट किए जिनमें 2 लाख 80 हजार पॉजिटिव मिले.

भारत में कोरोना के चुनिंदा हॉटस्पॉट राज्य हैं, अलग अलग वजहों से इन राज्यों में महामारी ने विकराल रूप ले लिया. कोरोना के अस्सी प्रतिशत से ज्यादा मामले सिर्फ पांच राज्यों महाराष्ट्र, गुजरात, दिल्ली, तमिलनाडु और मध्य प्रदेश में हैं. देश के करीब 50 परसेंट से ज्यादा मरीज मुंबई, ठाणे, अहमदाबाद, दिल्ली, चैन्नई और इंदौर में हैं. युद्ध स्तर पर इन शहरों में कोरोना को रोकने की कोशिशें की जा रही हैं.