लालू यादव को रिहा करने की मांग, तेजप्रताप यादव ने शुरू किया कैंपेन

लालू यादव को रिहा करने की मांग, तेजप्रताप यादव ने शुरू किया कैंपेन

PATNA : राष्‍ट्रीय जनता दल के अध्‍यक्ष और बिहार के पूर्व मुख्‍यमंत्री लालू यादव को बेहतर इलाज के लिए रांची के रिम्‍स से दिल्‍ली एम्‍स ले जाया गया है. रिम्‍स मेडिकल बोर्ड के निर्णय के बाद आनन-फानन में शनिवार शाम पांच बजे लालू यादव को एयर एम्‍बुलेंस से दिल्‍ली ले जाया गया. लालू के दिल्ली जाने के बाद इधर तेजप्रताप यादव पटना पहुंचे हैं. तेजप्रताप यादव ने लालू यादव को रिहा करने के लिए सोशल मीडिया पर कैंपेन शुरू किया है. अपने पिता लालू प्रसाद यादव के 31 साल पुराने दिनों को याद किया है.


राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे और बिहार सरकार के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव ने ट्विटर पर यह कैंपेन शुरू किया है. उन्होंने अपने पिता लालू प्रसाद यादव की एक काफी पुरानी तस्वीर को शेयर करते हुए लिखा है कि "जब इंसान ही नहीं बचेगा तो मंदिर में घंटी कौन बजायेगा, इंसानियत ही नहीं बचेगा तो मस्जिद में इबादत कौन करेगा. #Release_Lalu_Yadav"


दरअसल राजद विधायक तेजप्रताप यादव ने अपने पिता लालू यादव के उन दिनों को याद किया है, जब वह बिहार के मुख्यमंत्री हुआ करते थे. जिन बातों को तेजप्रताप ने लिखा है. दरअसल ये बात 31 साल पहले 21 अक्टूबर 1990 को लालू यादव ने सांप्रदायिकता विरोधी रैली को पटना के गांधी मैदान में संबोधित करते हुए कहा था.


इस बड़ी रैली में लालू प्रसाद यादव ने कहा था कि "मैं आडवाणी जी से अपील करता हूं कि वह यात्रा स्थगित करके दिल्ली लौट जाएं. देशहित में इंसान ही नहीं रहेगा तो कैसे काम चलेगा. इंसान नहीं रहेगा तो मंदिर में घंटा कौन बजाएगा. इंसान नहीं रहेगा तो मस्जिद में इबादत करने कौन जाएगा. राज रहे या चला जाए, हम समझौता नहीं करेंगे."


बीमार लालू यादव के दिल्ली जाने के बाद पटना पहुंचे तेजप्रताप यादव ने मीडिया से बातचीत में कहा कि "उनके पिता की तबीयत खाफी ख़राब है. वह बिलकुल भी ठीक नहीं हैं. तेजस्वी यादव उनके साथ में हैं. उनकी तबीयत अभी नाजुक है."


आपको बता दें कि बहुचर्चित चारा घोटाला मामले में भ्रष्टाचार के आरोप में लालू यादव चार साल की जेल की सजा काट रहे हैं. सजायाफ्ता लालू प्रसाद ढाई साल से रिम्स के पेइंग वार्ड में भर्ती थे. “दुमका ट्रेजरी केस” में 1991 से 1996 के बीच बिहार के पशुपालन विभाग के अधिकारियों द्वारा दुमका कोषागार से 3.5 करोड़ रुपये लिए गए थे, जब लालू यादव राज्य के मुख्यमंत्री थे.



लालू यादव को चारा घोटाले से संबंधित चाईबासा कोषागार मामले में अक्टूबर में जमानत दी गई थी. वह दुमका ट्रेजरी मामले के चलते जेल में बंद हैं. राष्ट्रीय जनता दल नेता लालू यादव दिसंबर 2017 से जेल में हैं. उन्होंने राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (RIMS) अस्पताल (झारखंड) में अपनी जेल की अधिकांश सजा काटी है.