PATNA : चारा घोटाले में हाल में जमानत पर रिहा हुए बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने नया दांव खेला है. लालू प्रसाद यादव ने कोर्ट से सुनवाई टालने की अपील की है. उन्होंने गुहार लगाई है कि सुनवाई फिजिकल कोर्ट शुरू होने तक टाल दी जाये. यानी कि लालू आनलाइन सुनवाई नहीं चाहते हैं. वह चाहते हैं कि कोर्ट खुलने के बाद फिजिकल अप्पेअरिंग में सुनवाई हो.
डोरंडा कोषागार से 139 करोड़ 35 लाख रुपये की अवैध निकासी में लालू प्रसाद समेत सभी 112 अभियुक्तों की ओर से सोमवार को सीबीआई के विशेष न्यायाधीश एसके शशि की अदालत एक आवेदन दाखिल किया गया, जिसमें यह कहा गया कि सुनवाई फिजिकल कोर्ट शुरू होने तक टाल दी जाये. गौरतलब हो कि चारा घोटाले के सबसे बड़े मामले (आरसी 47ए/96) में बचाव पक्ष की ओर से बहस शुरू होनी है. अब बचाव पक्ष फिजिकल मोड पर बहस शुरू करने को कह रहा है.
आवेदन दाखिल करने वालों में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद, पूर्व सांसद जगदीश शर्मा, डा. आरके राणा, लोक लेखा समिति के तत्कालीन अध्यक्ष ध्रुव भगत, पशुपालन विभाग के तत्कालीन क्षेत्रीय निदेशक डा. केएन झा, सहायक निदेशक डा. केएम प्रसाद एवं 112 अन्य शामिल हैं. इस आवेदन पर अदालत में सुनवाई हुई. सुनवाई के बाद अदालत ने इस मामले में सीबीआई से जवाब मांगा है.
सीबीआई के विशेष लोक अभियोजक बीएमपी सिंह ने बताया कि बचाव पक्ष ने अर्जी डालते हुए कहा कि फिजिकल कोर्ट प्रारंभ होने पर बहस शुरू करेंगे. तब तक मामले की सुनवाई को स्थगित किया जाए. वर्चुअल कोर्ट में बहस शुरू करने में परेशानी होगी. अदालत ने बचाव पक्ष के आवेदन पर अभियोजन को जवाब दायर करने का निर्देश दिया. साथ ही मामले की अगली सुनवाई की तारीख 11 अगस्त निर्धारित की गई.
उन्होंने बताया कि इस मामले में 550 लोगों की गवाही दर्ज की गई है. साढ़े चार हजार से ज्यादा दस्तावेज साक्ष्य के रूप में प्रस्तुत किए जाने हैं, ऐसे में आनलाइन सुनवाई के दौरान उक्त दस्तावेजों को कोर्ट में प्रस्तुत करना संभव नहीं है. 7 अगस्त को अभियोजन पक्ष की ओर से बहस पूरी होने के बाद अब इस मामले में बचाव पक्ष को बहस शुरू की जानी है.