PATNA : आरजेडी को दरकिनार करते हुए महागठबंधन में शामिल अन्य दलों के नेताओं के साथ बैठक करने के बाद शरद यादव अब रांची जा रहे हैं. शरद यादव रांची में लालू यादव से मुलाकात करेंगे. माना जा रहा है कि आगामी विधानसभा चुनाव में महागठबंधन की रणनीति को लेकर लालू से उनकी बातचीत होगी। शरद यादव ने आज सुबह ही पटना में राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के जीतन राम मांझी और वीआईपी पार्टी के प्रमुख मुकेश सैनी के साथ घंटों मीटिंग की थी।
अब शरद यादव रांची में लालू यादव से मुलाकात करेंगे और कई मुद्दों पर दोनों नेताओं के बीच बातचीत होगी। महागठबंधन के सहयोगी दलों के साथ बैठक के बाद शरद यादव ने फिलहाल बहुत कुछ बोलने से इंकार किया है। हालांकि उन्होंने खुद को सीएम पद का दावेदार मानने से इनकार करते हुए कहा कि मैं दिल्ली की राजनीति करता हूं और मुख्यमंत्री कैंडिडेट के तौर पर मेरे नाम की चर्चा बेमानी है। इस बात का भी संकेत दे दिया है कि वह राज्यसभा जाना चाहते हैं।
आपको बता दें कि उपेंद्र कुशवाहा ने महागठबंधन का नेतृत्व शरद यादव के हाथों में देकर विधानसभा चुनाव लड़ने की बात कही थी। मुकेश सहनी और जीतन राम मांझी लगातार महागठबंधन में कोआर्डिनेशन कमेटी के गठन में हो रही देरी का मामला उठा रहे हैं. ऐसे में शरद यादव और लालू यादव के बीच मुलाकात में किन मुद्दों पर बात होती है इस पर सबकी नजरें टिकी हुई हैं।
राजद के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि जो लोग भी तेजस्वी यादव के छोड़कर कुछ सोच रहे हैं तो वे गलतफहमी में रह रहे हैं. उन्हें किसी भी हाल में तेजस्वी के साथ ही चलना होगा नहीं तो जनता उन्हें पटक देगी. इसके साथ ही मृत्युंज तिवारी ने कहा कि शरद जी बड़े नेता है और हमारे अविभावक हैं. महागठबंधन की कोई भी बैठक तेजस्वी जी के बिना अधूरी रहेगी इले लेकर किसी को भी कंफ्यूजन में नहीं रहना चाहिए. महागठबंधन राजद के नेतृत्व में ही बिहार में है और उसका नेतृत्व तेजस्वी ही करेंगें. इसके साथ ही मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि बिहार विधानसभा में किसकी कितनी संख्या है या किसका कितना ताकत है ये सबको पता है. बिना तेजस्वी यादव के महागठबंधन की कल्पना नहीं की जा सकती है. 2020 में महागठबंधन का नेतृत्व तेजस्वी यादव ही करेंगे और मुख्यमंत्री का चेहरा होंगे,