लालू-राबड़ी के नाम पर ही अगला चुनाव लड़ेंगे नीतीश कुमार, कार्यकर्ताओं के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग में तय कर दिया मुद्दा

लालू-राबड़ी के नाम पर ही अगला चुनाव लड़ेंगे नीतीश कुमार, कार्यकर्ताओं के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग में तय कर दिया मुद्दा

PATNA : नीतीश कुमार 2020 का विधानसभा चुनाव भी लालू-राबडी के नाम पर ही लडेंगे. रविवार को अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग में नीतीश कुमार ने एजेंडा सेट कर दिया. नीतीश लालू-राबडी के 15 सालों की याद दिलाकर ही लोगों से वोट मांगेंगे. 

नीतीश ने कहा-पति-पत्नी के राज का हिसाब मांगिये

रविवार को नीतीश कुमार अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग करने बैठे थे. दिन भर चले वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान नीतीश कुमार ने अपने कार्यकर्ताओं को ये बताया कि उन्हें चुनाव में क्या कहना है. नीतीश कुमार बोले

“जो अनाप-शनाप बकते रहते हैं उनसे पूछिए जो जरा कि 15 साल के पति-पत्नी के राज में क्या काम किया? सड़कें कैसी थीं? बिजली का क्या हाल था। उनके घरों में भले बिजली हो, लोगों के घरों में रहती थी क्या? राज्य का बजट कितना था? आधारभूत संरचना या अन्य क्षेत्र में कोई काम हुआ था क्या?”

जाहिर तौर पर नीतीश कुमार ने अपने कार्यकर्ताओं को चुनावी एजेंडा दे दिया. एक बार फिर वे लालू-राबडी राज की विफलताओं को अपना प्रमुख मुद्दा बनायेंगे. नीतीश कुमार ने  जेडीयू वर्करों से कहा कि वे नयी पीढ़ी को पुराना किस्सा सुनायें. नयी पीढी के लोगों को बताना चाहिए कि बिहार में 15 वर्षों तक पति-पत्नी का शासन कैसा था. जेडीयू को कैसी परिस्थिति में और कैसा बिहार मिला था और अभी क्या हाल है. कैसे राज्य का बजट 24 हजार करोड़ से दो लाख 12 हजार करोड़ तक पहुंचाया गया. 

नीतीश कुमार ने लालू राबड़ी के दौर में हुए नरसंहारों की भी याद दिलायी. उन्होंने कहा कि 1990 से 2005 के बीच क्या स्थिति थी. वो अपरहण और सामूहिक नरसंहारों का दौर था. हमने बिहार को वहां से निकालकर कानून का राज स्थापित किया. नीतीश कुमार ने कहा कि हम ये नहीं कहते कि रामराज ला दिया लेकिन अपराध की स्थिति नियंत्रण में है. उनके शासनकाल के 15 सालों में सिर्फ एक शहर में दो दिनों के लिए कर्फ्यू लगा. इसके अलावा बिहार के किसी दूसरी जगह पर ऐसी कोई स्थिति उत्पन्न नहीं होने दी गयी.

कोरोना से अमेरिका को भी हुई दिक्कत

नीतीश कुमार ने कहा कि कुछ लोग कोरोना संकट के बीच बिहार में हुई परेशानी को मुद्दा बना रहे हैं. जबकि अमेरिका जैसे बड़े देशों में कोरोना के कारण काफी दिक्कत हुई. बिहार में तो कोरोना संकट में एतिहासिक काम हुआ. बिहार में जिस बडे स्तर पर क्वारंटाइन सेंटरों को चलाया गया, उतना देश में कहीं नहीं हुआ. नीतीश ने कहा कि बिहार में लाखों की संख्या में लोग लौट कर वापस आये और सरकार ने हरेक का ख्याल रखा. बिहार लौट कर क्वारंटाइन सेंटर में रहने वाले हरेक व्यक्ति पर 5300 रुपये खर्च किए गए.

रविवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सुबह 11 बजे से लेकर शाम 6 बजे तक पांच जिलों पश्चिमी व पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी, शिवहर और मधुबनी के बूथ स्तर से लेकर जिलाध्यक्ष तक करीब 20 हजार नेता-कार्यकर्ताओं के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से बात की. उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं को चुनाव के लिए एक्टिव होने को कहा. नीतीश की इस वीडियो कांफ्रेंसिंग में ललन सिंह, आरसीपी सिंह,  संजय झा और अशोक चौधरी भी मौजूद थे.