लालू को जमानत नहीं मिली तो कल बंगले से होंगे बाहर, फिर से पेइंग वार्ड में किया जाएगा शिफ्ट

लालू को जमानत नहीं मिली तो कल बंगले से होंगे बाहर, फिर से पेइंग वार्ड में किया जाएगा शिफ्ट

RANCHI: चारा घोटाले में सजायाफ्ता लालू प्रसाद की जमानत पर कल रांची हाईकोर्ट में सुनवाई होने वाली है. अगर लालू प्रसाद को जमानत नहीं मिली तो उनको रिम्स निदेशक के बंगले से बाहर कर दिया जाएगा. बंगले से लालू को रिम्स के पेइंग वार्ड में फिर से शिफ्ट किया जाएगा. इसको लेकर अधीक्षक के नेतृत्व में तैयारियों का जायजा लिया गया. 

लालू के कारण रिम्स निदेशक परेशान

लालू प्रसाद को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए रिम्स निदेशक के केली बंगले पर शिफ्ट किया गया है. जिसके कारण नए निदेशक कामेश्वर प्रसाद को परेशानी हो रही है. बंगले में लालू के रहने के कारण वह खुद मोरहाबादी में स्थिति स्टेट गेस्ट हाउस में रह रहे हैं. इसके एवज में उनको 400 रुपए रोज चुकाना पड़ रहा है. वह 15 नवंबर से गेस्ट हाउस में रह रहे हैं और उनके बंगले में लालू हैं. 

26 महीने से रिम्स में हो रहा इलाज

चारा घोटाले में सजायाफ्ता लालू प्रसाद को होटवार जेल भेजा गया था, लेकिन कुछ दिनों के बाद उनकी तबीयत खराब हुई. जिसके बाद 26 माह से लालू प्रसाद को रिम्स में भर्ती कराया गया है. यहां पर उनका इलाज चल रहा है. लालू प्रसाद की और से बताया गया है कि वह 15 अलग-अलग बिमारियों से पीड़ित हैं. रिम्स में रहने के दौरान हर शनिवार को लालू प्रसाद से तीन लोग मिलने के लिए जाते थे. लेकिन बंगले पर बिना अनुमति के भी लोगों से मिलने का आरोप लग चुका है.


CBI का हाईकोर्ट में जवाब

 लालू प्रसाद यादव की जमानत याचिका पर 27 नवंबर को रांची हाईकोर्ट में सुनवाई होनी है. लालू की याचिका पर कोर्ट ने सीबीआई से जवाब मांगा था. सीबीआई ने अपना पक्ष रख दिया है. सीबीआई ने कहा है कि लालू यादव ने दुमका कोषागार से घोटाले के मामले में अब तक आधी सजा नहीं काटी है. लिहाजा उन्हें इस आधार पर जमानत नहीं दिया जा सकता. सीबीआई ने अपने जवाब में सीआरपीसी की धारा 427 का भी जिक्र किया है. CRPC की धारा 427 के मुताबिक अगर किसी व्यक्ति को अलग अलग मामलों में सजा मिलती है तो एक सजा पूरी होने के बाद दूसरी सजा शुरू होगी. अगर कोर्ट ने सारी सजा के साथ चलने का आदेश दिया हो तभी वे साथ साथ गिनी जायेंगी. सीबीआई इस आधार पर लालू की जमानत का विरोध कर रही है. सीबीआई ने अपने जवाब में कहा है कि लालू प्रसाद को चार मामले में अलग-अलग सजा हुई है. उन्हें सजा सुनाने वाली कोर्ट ने सभी सजा को एक साथ चलाने का निर्देश नहीं दिया है. ऐसे में ये नहीं माना जा सकता है कि लालू यादव चारों मामले की सजा साथ साथ काट रहे हैं. उन्हें एक सजा पूरी करने के बाद दूसरे मामले में मिली सजा को पूरा करना होगा. लालू यादव ने दुमका कोषागार में आधी सजा काटने और कई तरह की बीमारियों का हवाला देते हुए जमानत मांगी है. अगल हाईकोर्ट उन्हें बेल दे देता है वे जेल से बाहर आ जायेंगे.