RANCHI: चारा घोटाला केस में सजायाफ्ता लालू प्रसाद की जमानत याचिका पर सुनवाई आज टल गई है. अब 27 नवंबर को हाईकोर्ट में जमानत याचिका पर सुनवाई होगी. इस सुनवाई का सीबीआई विरोध कर ही थी और कोर्ट से सीबीआई ने वक्त मांगा था. जिसके बाद सीबीआई के आग्रह को कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है.
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लालू के वकील बोले
लालू के वकील ने कहा कि सीबीआई ने दुमका ट्रेजरी केस में जमानत का विरोध किया. कोर्ट ने सीबीआई का आग्रह स्वीकार कर लिया है. 23 नवंबर तक कोर्ट ने सीबीआई को काउंटर फाइल करने का निर्देश दिया है. लालू के वकील ने कहा कि सीबीआई ने जानबूझकर सीबीआई काउंटर फाइल पहले नहीं किया. सीबीआई जान बूझकर चाह रही है कि लालू प्रसाद और 15 दिन जेल में रहे. लेकिन हमलोगों ने इसका विरोध किया.
आज होने वाली थी सुनवाई
चारा घोटाला में सजायाफ्ता लालू प्रसाद की जमानत याचिका पर आज रांची हाईकोर्ट में सुनवाई होने वाली थी. दुमका ट्रेजरी केस में 9 नवंबर को सुनवाई होने वाली थी, लेकिन लालू प्रसाद ने 6 नवंबर को ही इस मामले पर सुनवाई करने के लिए आग्रह किया था. आवेदन में वकील ने कहा था कि 6 नवंबर को लालू से संबंधित एक मामले की सुनवाई है. इसी दिन जमानत याचिका पर भी सुनवाई की जाए. इस आग्रह को कोर्ट ने स्वीकार कर लिया था. लेकिन आज सुनवाई टल गई.
9 अक्टूबर को एक केस में मिली जमानत
9 अक्टूबर को चारा घोटाला में सजायाफ्ता लालू प्रसाद को चाईबासा ट्रेजरी केस में लालू प्रसाद को जमानत मिल गई. लालू प्रसाद के वकील ने कहा था कि 2 लाख रुपए लालू प्रसाद को जमा करना है. 30 माह लालू प्रसाद जेल में रह चुके हैं. दुमका केस में सुनवाई के बाद ही लालू प्रसाद जेल से बाहर निकल सकते. 9 नवंबर को इसकी सुनवाई होने वाली थी. लेकिन अब 6 नवंबर को ही सुनवाई होगी. 9 नवंबर को दुमका केस में लालू प्रसाद आधी सजा पूरी हो जाएगी. जिसके बाद वह 9 के बाद उनके जेल से बाहर आने का रास्ता साफ हो जाएगा.
बीमारी का दिया था हवाला
लालू प्रसाद ने अपनी जमानत याचिका में अपनी बीमारी के बारे में भी बताया था. याचिका में बताया गया था कि वह करीब 15 बीमारी ग्रसित है. उनका इलाज कई सालों से रांची के रिम्स में हो रहा है. उनका स्वास्थ्य भी ठीक नहीं रहता है. इसलिए उनको जमानत दे दी जाए. जमानत के लिए लालू ने 4 जुलाई को हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. बता दें कि लालू प्रसाद ने 23 दिसंबर 2017 से चारा घोटाले मामले में जेल में बंद हैं, दुमका, देवघर और चाईबासा मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने सजा सुनाई है. देवघर और चाईबासा केस में उनको जमानत मिल चुकी है, लेकिन दुमका मामले में उन्हें जमानत नहीं मिली है.