PATNA : बिहार में जातीय जनगणना का मुद्दा अब धीरे-धीरे आक्रामक रूप लेता जा रहा है. राजद सुप्रीमो लालू यादव ने देश में जातीय जनगणना नहीं होने पर गणना का ही बहिष्कार करने की धमकी दे डाली है. वहीं नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी इस मुद्दे पर केंद्र की मोदी सरकार का जमकर घेराव किया है. राष्ट्रीय जनता दल के ऑफिसियल ट्विटर हैंडल से राष्ट्रीय स्वयंसेवा सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत पर निशाना साधा गया है.
जातीय जनगणना के मुद्दे पर लालू यादव, तेजस्वी यादव और RJD के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ताबड़तोड़ ट्वीट किये गए हैं. लालू यादव ने लिखा है- अगर 2021 जनगणना में जातियों की गणना नहीं होगी तो बिहार के अलावा देश के सभी पिछड़े-अतिपिछड़ों के साथ दलित और अल्पसंख्यक भी गणना का बहिष्कार कर सकते हैं. जनगणना के जिन आंकड़ों से देश की बहुसंख्यक आबादी का भला नहीं होता हो तो फिर जानवरों की गणना वाले आंकड़ों का क्या हम अचार डालेंगे?
इधर तेजस्वी ने अपने ट्वीट में लिखा है- पिछड़ा/अतिपिछड़ा विरोधी मोदी सरकार देश की पिछड़ी-अतिपिछड़ी जातियों की गणना कराने से क्यों डर रही है? क्या इसलिए कि हज़ारों पिछड़ी जातियों की जनगणना से यह ज्ञात हो जाएगा कि कैसे चंद मुट्ठी भर लोग युगों से सत्ता प्रतिष्ठानों एवं देश के संस्थानों व संसाधनों पर कुंडली मार बैठे है?
राजद के अकाउंट से ट्वीट किया गया है- मुट्ठीभर चितपावन ब्राह्मणों के जातिवादी संगठन की इतनी औक़ात भी नहीं कि देश के 85% SC/ST/OBC के आरक्षण को रोक दें। भागवत ने एक बार बोला था,क्या हश्र हुआ था,पता है ना? RSS,तुम्हारी सारी चालाकियाँ समझते है. तुम सोचते हो सब बेच आरक्षण को बैकडोर से ख़त्म कर देंगे. नहीं होने देंगे.
इन तीनों ट्वीट के बाद से बिहार की सियासत एक बार फिर तेज हो गई है. लालू के बेटे तेजस्वी यादव के साथ-साथ बिहार सीएम नीतीश कुमार भी जाति आधारित जनगणना का समर्थन कर चुके हैं. इधर केवल बिहार ही नहीं उत्तर प्रदेश में भी इसकी मांग तेज हुई है. समाजवादी पार्टी नेता अखिलेश यादव, बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने भी जाति आधारित जनगणना का समर्थन किया है.