‘लालू के पास खुद चलकर आए थे नीतीश.. बताई थी अपनी पीड़ा’ RJD ने खोल दिया पुराना राज, NDA सरकार को दे दी यह चेतावनी

‘लालू के पास खुद चलकर आए थे नीतीश.. बताई थी अपनी पीड़ा’ RJD ने खोल दिया पुराना राज, NDA सरकार को दे दी यह चेतावनी

PATNA: बिहार में फिर से एनडीए की सरकार बनने का बाद आरजेडी और जेडीयू के बीच राज्य सरकार द्वारा दी गई नौकरियों और विकास कार्यों का क्रेडिट लेने की होड़ मच गई है। जेडीयू और आरजेडी के बीच बयानबाजी का दौर जारी है। इसी बीच अब आरजेडी के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने कहा है बीते 17 महीने में प्रदेश में जितनी भी नौकरी दी गई उनका सारा क्रेडिट महागठबंधन सरकार में डिप्टी सीएम रहे तेजस्वी यादव को जाता है।


मनोज झा ने 2022 का हवाला देकर कहा कि नीतीश कुमार खुद चलकर हमारे नेता के पास आए थे। अपनी पीड़ा बताई कि भाजपा के साथ वह काफी परेशान हैं। उनके विधायकों को तोड़ने की कोशिश की जा रही है। लालू प्रसाद का मानना है कि नीतीश कुमार उनके परिवार के सदस्य की तरह हैं लिहाजा उनकी मदद का निर्णय हुआ, लेकिन तेजस्वी यादव की शर्त थी कि आरजेडी के चुनावी घोषणा पत्र में 10 लाख नौकरियां को जो वादा किया गया है हम उसे लागू करेंगे।


उन्होंने आगे कहा कि इसके पहले 17 वर्षों तक उनका शासन था, वह बताएं उसे दौरान कितने लोगों को नौकरियां दी गई। 17 वर्ष बनाम 17 महीने की रिपोर्ट तो सबके सामने है। आरजेडी नेता ने दावा किया कि बिहार के गांव-गांव से सभी परिवार के काम से कम एक युवा को नौकरी दी गई है और आज जब सरकार टूट गई है तब बिहार का युवा स्तब्ध है उसके मन में निराशा है। मनोज झा ने कहा हमने जो कहा था उसे पूरा किया है। जाति आधारित गणना कराई गई उसके आधार पर आरक्षण का दायरा बढ़ाया गया।


राजद नेता ने कहा कि सरकार से अलग होने के पहले तेजस्वी यादव ने विभिन्न विभागों में डेढ़ लाख से अधिक पद सृजित किए। हमारा एनडीए सरकार से आग्रह है बदले की राजनीति में युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं होना चाहिए। जो पद सूचित किए गए हैं उन पर 30 से 40 दिनों के अंदर बहाली होनी चाहिए। आशा कार्यकर्ता और ममता के मानदेय का प्रस्ताव भी कैबिनेट की दो बैठकों से लाया जा रहा है, उनके साथ किसी तरह की राजनीति नहीं होनी चाहिए। ममता और आशा का मानदेय जो तेजस्वी यादव बना कर आए थे उसके अनुरूप उसमें वृद्धि होनी चाहिए।


आरजेडी सासंद मनोज झा ने कहा नीतीश कुमार कह रहे हैं की जो नियुक्तियां हुई है वह उनका विजन है तो उन्हें बताना चाहिए कि पिछले 17 वर्षों में इन लोगों ने कितनी नौकरियां दी कितनी नियुक्तियां की। हमसे राजनीतिक लड़ाई लड़नी है लड़े, लेकिन रोजगार बाधित न करें, वरना हम सरकार में नहीं है तो सड़क से ही युवाओं के अधिकारों की लड़ाई लड़ेंगे। जाति आधारित गणना को लेकर कहा कि इसका सारा क्रेडिट तेजस्वी यादव को जाता है। उन्हीं के कहने पर राहुल गांधी और डीएमके ने भी अपना सहयोग दिया था। दिल्ली जब प्रधानमंत्री से लोग मिलने गए थे उसे वक्त प्रधानमंत्री से सारी बातें खुद तेजस्वी यादव ने ही की थी।