PATNA:बिहार विधानसभा चुनाव से पहले बिहार की सियासी गर्माहट बढ़ी हुई है। राजनीतिक दलों और नेताओं के पास कई बहाने हैं इस तपिश को और तेज करने का. चुनाव का मौसम है इसलिए राजनीति एक चिट्ठी को लेकर भी गर्म हो जाती है.
कल राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने आरजेडी छोड़ चुके रघुवंश प्रसाद यादव को मनाने के लिए एक चिट्ठी लिखी. इस चिट्ठी को लेकर अब सवाल खड़े हो गए हैं. बिहार सरकार के मंत्री नीरज कुमार ने एक ट्वीट किया है और पूछा है कि आखिर जेल मैनुअल के खिलाफ जेल अधीक्षक ने लालू को चिट्ठी लिखने की इजाजत कैसे दी.
उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा है-'सजायाफ्ता लालू प्रसाद यादव को जेल में दरबार लगाने से मन नहीं भरा तो पूरा जेल मैनुअल की धारा 999 की धज्जियां उड़ा दी. जोकि स्पष्ट कहता है कि कैदी द्वारा राजनीतिक पत्र व्यवहार नहीं किया जा सकता. फिर जेल अधीक्षक ने इसकी अनुमति कैसे दी. यह गंभीर मामला है पर जान ले कानून के हाथ बहुत लंबे होते. दरअसल कल दिल्ली के एम्स में इलाज रात आरजेडी नेता रघुवंश प्रसाद सिंह ने लालू को एक चिट्ठी लिखी थी और अपने इस्तीफे का ऐलान किया था. रघुवंश की चिट्ठी के जवाब में लालू ने भी एक चिट्ठी लिखी थी लालू ने लिखा था कि आप कहीं नहीं जा रहे हैं पार्टी में बने रहेंगे. इसी चिट्ठी को लेकर मंत्री नीरज कुमार ने सवाल उठाया है और लालू पर आरोप लगाया है कि उन्होंने जेल मैनुअल की धारा 999 की धज्जी उड़ाई है साथ ही उन्होंने जेल अधीक्षक की भूमिका पर भी सवाल खड़े किए. नीरज कुमार ने अपने ट्वीट में लालू की चिट्ठी और जेल मैनुअल की कॉपी भी शेयर की है.