लालू फैमिली के सामने बेबस नीतीश: सीएम की समीक्षा बैठक में नहीं पहुंचे तेजप्रताप यादव, खाली पड़ी कुर्सी के साथ हुई मीटिंग

लालू फैमिली के सामने बेबस नीतीश: सीएम की समीक्षा बैठक में नहीं पहुंचे तेजप्रताप यादव, खाली पड़ी कुर्सी के साथ हुई मीटिंग

PATNA: कुछ महीने पहले की बात है जब मुख्यमंत्री के एक सार्वजनिक कार्यक्रम में तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार को घंटों इंतजार कराया था. कृषि विभाग के कार्यक्रम में नीतीश कुमार के पहुंचने के ढ़ाई घंटे बाद तेजस्वी यादव पहुंचे थे. अब लालू-राबड़ी के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव ने उससे भी बड़ा कारनामा किया है. 


नीतीश कुमार ने आज अपने आवास पर तेजप्रताप यादव के विभाग पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की समीक्षा बैठक बुलायी थी. इस बैठक में तेजप्रताप यादव को मौजूद रहना था. मुख्यमंत्री के बगल में मंत्री तेजप्रताप यादव के लिए कुर्सी लगायी गयी थी. पूरी मीटिंग के दौरान तेजप्रताप यादव की कुर्सी खाली पड़ी रही. मंत्री की खाली कुर्सी के साथ नीतीश कुमार ने पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की समीक्षा की और वृक्षारोपण अभियान की तैयारियों की जानकारी ली. 


हद तो ये कि तेजप्रताप यादव ने अपने नहीं पहुंचने की कोई जानकारी भी मुख्यमंत्री कार्यालय को नहीं दी थी. मीटिंग की सूचना उन्हें दे दी गयी थी. एक दिन पहले तेजप्रताप यादव पटना चिड़ियाघर में घूमकर जानवरों को गर्मी से बचाने की निर्देश दे रहे थे. लेकिन मुख्यमंत्री की बैठक में नहीं पहुंचे. दरअसल नीतीश कुमार इन दिनों विभागवार समीक्षा बैठक कर रहे हैं. उसमें उस विभाग के मंत्री भी मौजूद रहते हैं. पिछले कुछ दिनों में तेजस्वी यादव के विभागों की भी समीक्षा हुई थी और उसमें तेजस्वी यादव मौजूद रहे थे. 


आज मंत्री तेजप्रताप की गैरमौजूदगी में नीतीश कुमार ने अधिकारियों को फरमान जारी किया. नीतीश कुमार ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि पर्यावरण संरक्षण में पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की भूमिका है.  विभाग लक्ष्य के अनुरूप तेजी से पौधारोपण कराए. पौधारोपण के लिए जो कार्ययोजना बनाई गई है उसको ठीक ढंग से कार्यान्वित किया जाये. जो पौधे पहले से लगाए गए हैं उनके सर्वाइवल के लिए सभी जरूरी उपाय करें.  सरकारी भवनों के परिसर में भी जितना संभव हो पौधारोपण कराएं. नहर एवं नदी के किनारे पौधारोपण कार्य में तेजी लाएं.  सड़क किनारे भी लक्ष्य के अनुरूप तेजी से पौधारोपण कराएं। सभी जिलों में पौधारोपण गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए अधिक-से-अधिक लोगों को जोड़ें और पौधारोपण के लक्ष्य को प्राप्त करें.