PATNA: बिहार में चुनावी मौसम चल रहा है। कोरोना संकट के बीच चुनाव आयोग ने यह साफ कर दिया है कि चुनाव तय समय पर हीं होंगे। कोरोना के भीषण संकट ने राजनीतिक दलों और दावेदारों का बड़ा वक्त बर्बाद कर दिया है। ऐसे में अब बैचेनी साफ दिख रही है। राजनीतिक दलों में सारे पेंच जल्द से जल्द सुलझा लेने की बेचैनी है तो विधायिकी की चाह रखने वाले लोग अपना टिकट कंफर्म कराने को बैचेन है।
महागठबंधन में चाहे वो सहयोगियों के बीच सीटों का बंटवारा हो या फिर आरजेडी कोटे की सीटों पर उम्मीदवारों का चयन करना हो लालू यादव को बहुत कुछ तय करना है। ऐसे में एक दिलचस्प खबर झारखंड की राजधानी रांची से आ रही है। टिकट चाह लेकर रांची पहुंचने वाले दावेदार हों या फिर सीटों का पेंच सुलझाने की उम्मीद लेकर लालू दरबार में पहुंचने वाले आरजेडी के सहयोगी दलों के नेता हों अब रांची पहुंचते हीं वे बड़ी मुश्किल में पड़ जाएंगे।
दरअसल दूसरे राज्य से अगर कोई भी व्यक्ति बिना इजाजत लालू से मिलने पहुंचता है तो उसे जिला प्रशासन चैदह दिनों के लिए क्वेरेंटाइन करा देगा। आपको बता दें कि चाहे 2019 के लोकसभा चुनाव में भी महागठबंधन और आरजेडी से जुड़े सारे अहम फैसले लालू की मंजूरी से हीं हुए थे और लगातार आरजेडी और महागठबंधन के नेता लालू दरबार में हाजिरी लगाते रहे थे। अब विधानसभा चुनाव से पहले भी लालू दरबार में हाजिरी लगनी शुरू हो गयी है। आज कांग्रेस चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद अखिलेश सिंह लालू यादव से मिलने पहुंचे थे।