PATNA: चारा घोटाले से जुड़े डोरंडा ट्रेजरी केस में लालू प्रसाद यादव को रांची स्थित सीबीआई की विशेष अदालत ने 5 साल की सजा सुनाई। वही 60 लाख रुपये का आर्थिक जुर्माना भी लगाया। बीजेपी नेता सुशील मोदी ने कहा कि इस उम्र में उनका जेल जाना व्यक्तिगत तौर पर मुझे अच्छा नहीं लग रहा है। वही उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने बताया कि यह मुकदमा वहीं लोग किये थे जो आज इनके साथ है। जबकि राजद प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने कहा कि वे कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं। अब वे ऊपर की अदालत में जाएंगे।
वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरीये सजा सुनाए जाने के बाद राजद सुप्रीमो लालू ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इस संबंध में ट्वीट करते हुए लिखा है कि अन्याय असमानता से तानाशाही ज़ुल्मी सत्ता से लड़ा हूं लड़ता रहूंगा। डाल कर आंखों में आंखें सच जिसकी ताकत है साथ है जिसके जनता उसके हौसले क्या तोड़ेंगी सलाखें। मैं उनसे लड़ता हूं जो लोगों को आपस में लड़ाते हैं। वो हरा नहीं सकते इसलिए साजिशों से फंसाते हैं। ना डरा ना झुका, सदा लड़ा हूं और लड़ता ही रहूंगा। लड़ाकों का संघर्ष कायरों को ना समझ आया है ना आएगा।
वही बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने कहा कि जो लालू ने किया वो भर रहे हैं। इस उम्र में उनका जेल जाना व्यक्तिगत तौर पर मुझे अच्छा नहीं लग रहा है। सुशील मोदी ने यह भी कहा कि जिन लोगों ने लालू जी के साथ मुकदमा दायर किया वो तमाम लोग आज लालू जी के सलाहकार है और उनके साथ है और आरोप हम पर लगाया कि फंसा दिया।
सुशील मोदी ने कहा कि लालू पर पहली बार चार्जशीट फाइल हुआ तो उस समय उनके समर्थन से बनने देवगौड़ा देश के प्रधानमंत्री थे। जब पहली बार सजा हुई तब मनमोहन सिंह देश के प्रधानमंत्री थे। और आरोप हम पर लगाया जा रहा है कि फंसा दिया गया। रटा रटाया तकीया कलाम है कि पिछड़े वर्ग थे इसलिए फंसा दिया गया। बीजेपी के लोग ने फंसा दिया। मैं कहना चाहूंगाा कि कोर्ट किसी पार्टी का नहीं होता है। आपकों सजा कोर्ट ने दी है किसी बीजेपी के जज ने सजा नहीं दी है। इसलिए जो आपने किया वो भर रहे हैं। इस उम्र में उनका जेल जाना व्यक्तिगत तौर पर मुझे अच्छा नहीं लग रहा है। लेकिन कानून अपना काम करता है इसलिए जो भी कुछ हुआ उससे मुझे कुछ आश्चर्य नहीं है आश्चर्य उन लोगों को हो सकता है जिन लोगों ने मुकदमा दाखिल किया और लालू जी से हाथ मिला लिया।
वही बिहार के डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि लंबी न्याय प्रक्रिया के बाद न्यायादेश दिया गया है। यह अपने समय का चर्चित घोटाला है। यह सबसे बड़ा घोटाला के नाम से भी जाना जाता है। तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि यह मुकदमा वही लोग किये थे जो आज इनके साथ है। कानून ने अपना काम किया है इस पर आरोप लगाना की न्याय प्रक्रिया को कही से प्रभावित किया गया है यह सरासर झूठा आरोप है।
तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि इन आरोपों से प्रत्येक व्यक्ति को बचना चाहिए। न्यायपालिका कानून के दायरे में अपना काम करती है और न्यायपालिका के आदेश को स्वीकार हर किसी को करना चाहिए। न्यायिक प्रक्रिया के तहत लालू यादव को सजा मिली है। लालू प्रसाद को फंसाने का जो आरोप लगाया जा रहा है वो बिल्कुल गलत है। इस मामले को उजागर करने वाले लोग लालू जी के साथ थे और आज भी उन्ही के साथ हैं। डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि सत्ता में आकर जनता के पैसों का गलत उपयोग नहीं करना चाहिए यह सभी लोगों के लिए एक सीख है।
वही सजा के ऐलान के बाद आरजेडी प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने कहा कि न्यायिक निर्णय का हम सम्मान करते हैं। लेकिन देश में कई ऐसे लोग हैं जिस पर हजारों दस हजार करोड़ रुपये के गबन का आरोप है लेकिन अनुसंधान एजेसिंया जिनके अधिनस्थ होकर काम करती है वो सवाल के घेरे में जरूर होती है। न्यायिक निर्णय जांच के आलोक में होता है। सीबीआई ने जिस रुप से मामले की जांच की और न्यायालय में इसे प्रस्तुत किया उसी के आधार पर न्यायालय ने अपना फैसला सुनाया है।
शक्ति सिंह यादव ने कहा कि हम न्यायालय के फैसले पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते। हम न्यायालय के फैसले का सम्मान करते हैं। इस देश का हर व्यक्ति जानता है कि लालू प्रसाद यादव को किस रुप में इस देश की एजेंसियों ने इनके खिलाफ जांच किया है। इस जांच के आधार पर जो निर्णय कोर्ट ने लिए हम उस फैसले का सम्मान करते हैं। अब हम ऊपर की अदालत में जाएंगे।