DESK: राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है। रेलवे में नौकरी के बदले जमीन मामले में सीबीआई ने दिल्ली की अदालत में सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की है। दाखिल आरोप पत्र में अशोक कुमार, बबीता और भोला यादव का भी नाम शामिल हैं।
आरोप पत्र पर संज्ञान लिया जाए या नहीं इस पर 14 मार्च को कोर्ट विचार करेगी। मामला जबलपुर रेलवे के पश्चिम मध्य जोन से जुड़ा हुआ है। 2004 से 2009 तक ग्रुप डी की नियुक्ति जमीन के बदले की गयी थी। उस वक्त लालू प्रसाद रेल मंत्री थे और भोला यादव लालू के निजी सचिव थे। इस मामले में कोर्ट ने लालू यादव की पत्नी राबड़ी देवी और उनकी बेटी मीसा भारती और हेमा यादव को 28 फरवरी को जमानत दी थी।
भोला यादव को राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के करीबी माने जाते हैं। उन्हें लालू का हनुमान भी कहा जाता है। राजद के टिकट पर उन्होंने 2015 में बहादुरपुर सीट से विधानसभा चुनाव लड़ा और जीत भी दर्ज करायी थी। जीतने के बाद वो विधायक बने थे। लेकिन 2020 के विधानसभा चुनाव में उन्हें हार का मुंह देखना पड़ गया।
लैंड फोर जॉब मामले में सितंबर 2022 में उन्हें जमानत मिली थी। भोला यादव पर आरोप है कि लालू के रेल मंत्री रहने के दौरान उन्होंने रेलवे में नौकरी लगवाने के बदले कई लोगों की जमीन लिखवाई थी। रेलवे में नौकरी लगाने के बदले जमीन लेने के मामले में सीबीआई ने भोला यादव को गिरफ्तार किया था। जिसके बाद दिल्ली की विशेष अदालत ने भोला यादव को जमानत पर रिहा किया था।
बता दें कि 18मई 2022 को इस मामले में सीबीआई ने लालू, राबड़ी, मीसा और हेमा सहि 15 अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। रेलवे में कथित नौकरी के बदले जमीन मामले में आज दिल्ली की एक अदालत में सीबीआई ने सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल किया है।