लालू के साले सुभाष यादव ने कोर्ट में किया सरेंडर, JCB लेकर घर की कुर्की जब्ती करने पहुंची थी पुलिस

लालू के साले सुभाष यादव ने कोर्ट में किया सरेंडर, JCB लेकर घर की कुर्की जब्ती करने पहुंची थी पुलिस

PATNA: लालू परिवार से जुड़ी इस वक्त की बड़ी खबर पटना से आ रही है। जहां फरार लालू के साले सुभाष यादव के घर पर पुलिस जेसीबी लेकर कुर्की जब्ती के लिए पहुंच गयी। कुर्की जब्ती की कार्रवाई से घबराकर सुभाष यादव ने एमपी एमएलए कोर्ट में सरेंडर कर दिया। जमीन के विवाद में कोर्ट के आदेश के साथ पुलिस उनके घर पर पहुंची थी। 


सुभाष यादव के कोर्ट में सरेंडर किये जाने की सूचना मिलने के बाद पुलिस ने कुर्की जब्ती की कार्रवाई को रोक दिया। फिर पुलिस जेसीबी लेकर वापस चली गयी। बता दें कि लालू के साले सुभाष यादव पर धारा 447, 448, 341, 323,342, 384 386, 406, 420, 506,120 B IPC के तहत मामला चल रहा है। 30 जनवरी 2024 को कोर्ट ने पुलिस को सुभाष यादव को कोर्ट के सामने उपस्थित कराने का निर्देश दिया था। कोर्ट के नोटिस के बावजूद सुभाष फरार चल रहे थे। 


इससे पहले पुलिस ने उनके घर पर कुर्की जब्ती की कार्रवाई किये जाने की पर्ची भी लगायी थी। इसके बावजूद सुभाष कोर्ट में शामिल नहीं हुए। जिसके बाद एएसपी के नेतृत्व में भारी संख्या में पुलिस की टीम आज उनके आवास कौटिल्य नगर कुर्की जब्ती के लिए पहुंच गई। पुलिस अपने साथ जेसीबी भी लेकर आई थी। इस बात की जानकारी जब सुभाष को हुई तब वो आनन-फानन में वो एमपी एमएलए कोर्ट में सरेंडर करने पहुंच गये। सरेंडर किये जाने की सूचना मिलने के बाद पुलिस ने कुर्की जब्ती की कार्रवाई को रोक दिया।  


बता दें कि इससे पूर्व 30 जनवरी को जब जमीन के बदले नौकरी मामले में जिस वक्त तेजस्वी यादव से ईडी की टीम पूछताछ कर रही थी तभी उनके मामा सुभाष यादव के घर पर पुलिस डुगडुगी बताते पहुंची थी। पुलिस ने राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के साले और तेजस्वी-तेजप्रताप के मामला सुभाष यादव के घर पर कुर्की-जब्ती का इश्तेहार लगाया था। इस इश्तेहार में साफ तौर पर लिखा गया था कि यदि सुभाष ने कोर्ट में सरेंडर नहीं किया तो कुर्की जब्ती की कार्रवाई की जाएगी। तेजप्रताप-तेजस्वी यादव के मामा सुभाष यादव को रंगदारी और अपहरण मामले में फरार घोषित किया गया था। 


बता दें कि बिहार में महागठबंधन की सरकार खत्म हो गयी। राजद से अलग होकर नीतीश ने बीजेपी के साथ हाथ मिला लिया जिसके बाद बिहार में एनडीए की नई सरकार का गठन हुआ। बिहार विधानसभा में नीतीश सरकार द्वारा बहुमत सिद्ध किये जाने के अगले दिन लालू के साले पर कार्रवाई की गयी। इससे पहले 30 जनवरी को डुगडुगी बजाते हुए पुलिस सुभाष यादव के घर पर कुर्की जब्ती का नोटिस लगाने पहुंची थी। पटना के कौटिल्य नगर स्थित विधायक कॉलोनी स्थित आवास पर यह नोटिस चिपकाया गया।


सुभाष यादव पर रंगदारी मांगने और अपहरण का आरोप है। इस मामले में सुभाष को फरार घोषित किया गया था। कोर्ट में पेश होने का आदेश जारी किया गया था लेकिन सुभाष यादव लगातार फरार चल रहे थे। जिसके बाद घर की कुर्की जब्ती की कार्रवाई के लिए नोटिस चिपकाया गया। कहा गया कि यदि 30 दिनों के भीतर उन्होंने सरेंडर नहीं किया तो उनके घर की कुर्की जब्ती की जाएगी।


पूर्व सांसद सुभाष यादव पर 7 कट्ठा जमीन की खरीद में हेराफेरी करने का आरोप है। नेउरा के बेला गांव के किसान भीम वर्मा की जमीन से जुड़ा यह मामला है। भीम वर्मा ने बिहटा थाने में सुभाष यादव, उनकी पत्नी रेणु देवी, बेटे, बेला के पूर्व सरपंच सहित अन्य लोगों के खिलाफ केस दर्ज कराया था। यह आरोप लगाया था कि 7 कट्ठा जमीन लेने के बाद इसे वापस करने की बात कही थी। लेकिन अभी तक ना तो जमीन वापस किया और ना ही पैसे ही दिये। 


कोर्ट के निर्देश पर बिहटा सर्किल इंस्पेक्टर कमलेश्वर प्रसाद सिंह अपनी टीम और एयरपोर्ट थाने की पुलिस के साथ पटना के कौटिल्य नगर स्थित विधायक कॉलोनी स्थित सुभाष यादव के आवास पर पहुंचे थे। जिसके बाद पुलिस की मदद से उनके घर पर कुर्की जब्ती संबंधी आदेश चस्पा गया। इस इश्तेहार में साफ लिखा हुआ था कि यदि सुभाष ने कोर्ट में सरेंडर नहीं किया तो कुर्की जब्ती की कार्रवाई की जाएगी।


गौरतलब है कि बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव और पूर्व मंत्री तेजप्रताप यादव के मामा सुभाष यादव सहित 7 लोगों पर पटना के बिहटा थाने में केस दर्ज हुआ था। पटना में 7 कट्ठा जमीन पर कब्जा किये जाने का आरोप भीम वर्मा नामक व्यक्ति ने लगाया था। इस मामले में कार्रवाई की मांग को लेकर भीम वर्मा एक अणे मार्ग में लगने वाले मुख्यमंत्री के जनता दरबार भी गये थे। मई 2023 में जनता दरबार पहुंचे भीम वर्मा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से न्याय की गुहार लगाई थी। 


सीएम नीतीश ने उसकी बातें सुनने के बाद इस संबंध में अधिकारियों से बात की थी और इस मामले पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया था। सीएम के आदेश के बाद पटना डीएम डॉ. चंद्रशेखर और पटना एसएसपी राजीव मिश्रा ने मामले की जांच  की। जिसके बाद 96 लाख रूपये की इस जमीन विवाद मामले में आरोपी लालू के छोटे साले सुभाष यादव के खिलाफ बिहटा थाने में पीड़ित ने केस दर्ज कराया गया। सुभाष यादव के साथ-साथ उनकी पत्नी रेणु देवी, बेटे रणधीर यादव सहित 7 लोगों के खिलाफ भी जबरन जमीन पर कब्जा करने का आरोप लगाया गया। 


उस वक्त पीड़ित भीम वर्मा ने बताया था कि नेउरा के बेला में 7 कट्ठा जमीन है। जिसे बेचने के लिए उनके पिता सुरेश वर्मा ने गांव में रहने वाले अरुण उर्फ मुंशी मुखिया से 3 महीने का एग्रीमेंट किया था। लेकिन एग्रीमेंट कराये 3 साल हो गये लेकिन ना तो बाकी पैसा दिया गया और ना ही रजिस्ट्री करायी गयी। यहां तक कि ऑरिजनल एग्रीमेंट पेपर भी रख लिया। अरुण से इस संबंध में कई बार बात की गयी लेकिन वह हमेशा आज कल कहकर बात को टाल रहा था। इसी बीच राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के छोटे साले व पूर्व राज्यसभा सांसद सुभाष यादव की पत्नी रेणु देवी ने पटना स्थित आवास पर बुलाया। 


पीड़ित भीम वर्मा ने बताया था कि जब घर पर बुलाया गया तब उनके पिता ने कहा था कि उन्होंने गांव के अरुण कुमार से एग्रीमेंट किया है। अब वे कैसे जमीन किसी दूसरे के नाम करेंगे। ऐसा करने से उन्होंने इनकार किया था जिसके बाद सुभाष यादव ने कहा था कि चाहे जो कुछ हो जाए जमीन तो हम ही लेंगे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जनता दरबार में गये पीड़ित भीम वर्मा ने यह भी कहा था कि 27 फरवरी 2021 को खुद सुभाष यादव का फोन आया था और कहा गया कि भाई और मां को लेकर मेरे घर पर पहुंचो। जब वे सुभाष यादव के आवास पर गये तो देखा कि वहां पहले से अरुण कुमार उर्फ मुखिया बैठा हुआ था। हमें देखते ही वह कहने लगा तो जो सर कहेंगे हम तैयार है। जमीन मुझे नहीं चाहिए सर जी को दे दो।


जिसके बाद 96 लाख रूपये में जमीन का सौदा तय हुआ। तब 60 लाख 50 हजार रूपया पेमेंट कर रजिस्ट्री करा ली गई। बाकि पैसा मांगने पर सुभाष यादव धमकी देने लगे। पीड़ित ने बताया था कि इस दौरान मां और भाई को बंधक बनाया गया था। फिर अपने गुर्गो को घर पर भिजवाकर दिये गये पैसे मंगवा लिया और गोली मारने की धमकी दी। पीड़ित ने बताया था कि सुभाष यादव ने कहा कि इस बात की जानकारी किसी को दी तो जान मरवा देंगे। 


जिसके बाद पीड़ित परिवार न्याय के लिए दर-दर की ठोकर खा रहा था। थाने में सुभाष यादव के खिलाफ केस दर्ज नहीं हो रहा था। जिसके बाद पीड़ित मुख्यमंत्री के जनता दरबार में फरियाद लगाने पहुंच गया जहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मामले की जांच के आदेश अधिकारियों को दिये। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद सुभाष यादव, पत्नी, बेटे सहित सात लोगों के खिलाफ बिहटा थाने में धोखाधड़ी और रंगदारी का मामला दर्ज किया गया। इसी मामले में आज सुभाष यादव के आवास पर कुर्की जब्ती करने के लिए पुलिस पहुंची थी क्योंकि वो फरार चल रहे थे। कुर्की जब्ती की कार्रवाई से घबराकर उन्होंने कोर्ट में सरेंडर कर दिया।