SIWAN: जन सुराज पदयात्रा के दौरान चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर आज सीवान के जिरादेई प्रखंड स्थित चंदौली गंगौली पंचायत में पहुंचे जहां उन्होंने एक जनसभा को भी संबोधित किया। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के संरक्षक जीतनराम मांझी का उदाहरण देते हुए प्रशांत किशोर ने लोगों से कहा कि देखिये एक लालू और मांझी हैं जिनकों अपने-अपने बेटे की चिंता है और एक आप लोग हैं जिनको अपने लड़कों की चिंता तक नहीं है। आप लोग धर्म और जाति में उलझे हुए हैं। जिस दिन आप लोग भी अपने-अपने बच्चों की चिंता करने लगेंगे तब बिहार में सुधार दिखने लगेगा।
सीवान में जनसभा को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार की जनता हमको बता रही है कि यहां नेता जाति की राजनीती कर रहे है। लेकिन मेरा कहना है कि कोई नेता जाति की राजनीति नहीं कर रहा है। यदि नेता जाति की राजनीति करते तो आज लालू जी कहते की बिहार का नेता यादव समाज से कोई होगा लेकिन लालू प्रसाद ऐसा नहीं चाहते। वे चाहते हैं कि उनका लड़का ही बिहार का नेता हो कोई दूसरा यादव ना हो। ये जाति की राजनीती नहीं है यह परिवार के स्वार्थ की राजनीती है।
प्रशांत किशोर ने इस दौरान पूर्व सीएम जीतनराम मांझी का भी उदाहरण दिया कहा कि जाति की राजनीति में लालू जी अकेले नहीं है, मांझी जी का भी यही हाल है। उनका मानना है कि उनका बेटे संतोष सुमन पढ़ा लिखा व्यक्ति है सीएम कैडिडेट के काबिल है। पीके ने कहा कि इन नेताओं को सिर्फ अपने बेटों की चिंता है और जनता तो जाति और धर्म में उलझी हुई है।
यही कारण है कि आज बिहार की जनता की आज यह दुर्दशा है। प्रशांत किशोर ने लोगों से कहा कि आप लोग भी अपने-अपने बेटों की चिंता कीजिए जैसे कि लालू-मांझी करते हैं। जब तक बच्चों की चिंता आप नहीं करेंगे तब तक बिहार में सही सरकार नहीं बनेगी। बिहार में सुधार चाहते हैं तो अपने-अपने बच्चों की चिंता कीजिए। राष्ट्रवाद और धर्म के नाम पर वोट देना बंद कीजिए।