ललन सिंह के अध्यक्ष बनते ही कुशवाहा समर्थकों में मायूसी, दिल्ली में नीतीश के फैसले का विरोध शुरू हो गया

ललन सिंह के अध्यक्ष बनते ही कुशवाहा समर्थकों में मायूसी, दिल्ली में नीतीश के फैसले का विरोध शुरू हो गया

DELHI : ललन सिंह को जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाना नीतीश कुमार का फैसला था. राष्ट्रीय कार्यकारिणी में इसकी औपचारिकता पूरी की गई. लेकिन नीतीश के फैसले के बारे में शायद उपेंद्र कुशवाहा के समर्थकों को अंदाजा नहीं था. यही वजह है कि बड़ी संख्या में उपेंद्र कुशवाहा के समर्थक के दिल्ली भी पहुंच गए थे और जब राष्ट्रीय कार्यकारिणी में ललन सिंह को अध्यक्ष बनाए जाने की घोषणा हो गई, उसके बाद कुशवाहा समर्थकों में मायूसी और नाराजगी दोनों देखने को मिल रही है.


जनता दल यूनाइटेड के केंद्रीय कार्यालय के बाहर जंतर मंतर पर ही नीतीश कुमार के इस फैसले के खिलाफ कुशवाहा समर्थक के खड़े हो गए हैं. कुशवाहा समर्थकों ने कहां है कि पार्टी ने यह फैसला सोच समझकर नहीं लिया. नीतीश कुमार को चाहिए था कि वह उपेंद्र कुशवाहा को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाएं. अगर उपेंद्र कुशवाहा राष्ट्रीय अध्यक्ष बनते तो लव कुश समीकरण मजबूत होता. लेकिन अब ललन सिंह के अध्यक्ष बनने के बाद हमें निराशा हाथ लगी है.



कुशवाहा के कई समर्थकों ने तो यहां तक कह दिया कि यह फैसला बिल्कुल गलत है. नीतीश कुमार ने जो फैसला लिया है, उसके बाद जनता दल यूनाइटेड बिहार में चौथे नंबर की पार्टी बन जाएगी. हालांकि ललन सिंह के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने पर उनका समर्थन करने वाले कार्यकर्ताओं की कमी नहीं थी. एक तरफ उपेंद्र कुशवाहा के समर्थक जहां नाराज और हताश थे तो वहीं दूसरी तरफ से जदयू कार्यकर्ताओं की ऐसी लंबी फेहरिस्त थी, जो ललन सिंह को अध्यक्ष बनाए जाने से उत्साहित हैं.


पटना स्थित प्रदेश कार्यालय में भी जश्न देखने को मिला उधर केंद्रीय कार्यालय के बाहर भी ललन सिंह के अध्यक्ष बनने पर कार्यकर्ताओं ने खुशी जताते हुए जश्न मनाया है. लेकिन कुशवाहा समर्थकों की नाराजगी क्या पार्टी के लिए आगे मुसीबत से बनने वाली है यह एक बड़ा सवाल है.