PATNA: एल.एन.मिश्रा कॉलेज ऑफ बिजनेस मैनेजमेंट, मुजफ्फरपुर के 50 वर्ष पूरे होने और नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के 3 साल पूरे होने के अवसर पर पटना के होटल मौर्या में एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर शामिल हुए। वही अतिथि के तौर पर संजय कुमार,सचिव स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग, शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार मौजूद रहे। वही कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रो. शैलेन्द्र कुमार चतुर्वेदी कुलपति बी.आर.अम्बेडकर बिहार विश्वविद्यालय, मुजफ्फरपुर ने की। विशिष्ट अतिथि के तौर पर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष व विधान परिषद सदस्य सम्राट चौधरी, अरविंद कुमार मिश्रा, क्षेत्रीय पदाधिकारी सीबीएसई शामिल हुए।
कार्यक्रम का उद्घाटन राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने किया। मंच पर मौजूद लोगों ने महामहिम का स्वागत किया। इस मौके पर मंच से संबोधित करते हुए बिहार बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर चुटकी लेते हुए कहा कि इस कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए नीतीश मिश्रा को धन्यवाद देता हूं नीतीश जी नहीं समझेंगे। इतनी बड़ी संस्था को पचास साल तक पूरे परिवार के लोगों ने स्थापित किया। उन्होंने कहा कि बेहतर समाज की परिकल्पना बिना शिक्षा के नहीं हो सकती। ज्ञान अर्जन करना ही एक रास्ता बचा है। इसलिए अपने-अपने बच्चों को खूब पढ़ाए और बेहतर भविष्य बनाए।
वही राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कहा कि इस महत्वपूर्ण विषय पर ललित नारायण मिश्रा मुजफ्फरपुर ने यह कार्यक्रम आयोजित किया है। इसके लिए आभार व्यक्त करता हूं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति कैसी होनी चाहिए इस पर विचार करने की आवश्यकता है। इन सभी मुद्दों पर विचार मंथन के लिए ऐसी संगोष्ठी की बेहद जरूरत है। नीतीश मिश्रा ने इस विषय को सबके सामने रखने का विचार किया है। सबको सोचने पर बाध्य किया है। भारत में नई भारतीय शिक्षा नीति जो भारत में आई है इस पर विचार व्यक्त करना जरूरी है। कोई भी शिक्षा नीति अपने यहां की शिक्षा में सुधार के लिए आती है। समाज में बदलाव और सोच में परिवर्तन लाने के लिए शिक्षा नीति का प्रावधान होता है।
उन्होंने कहा कि 2020 की शिक्षा नीति पर पूरे देश में अमल होना शुरू हो गया है यही हमारी उपलब्धि है। महामहिम ने कहा कि मैं भी बोलता हूं कि हमारे बिहार के बच्चे कंपीटिटीव एग्जाम में बहुत आगे होते हैं। उन्होंने कहा कि यदि बिहारी आगे है तो बिहार क्यों पीछे हैं? उन्होंने इसका जवाब देते हुए कहा कि बिहार इसलिए पीछे है क्योंकि यहां के लोगों में यह सोच नहीं है। यहां लोग यही सोचते है कि हमे जो भी है उसी को अपनाएं लेकिन परिवर्तन नहीं करेंगे..करवट नहीं बदलेंगे। उन्होंने कहा कि आज की शिक्षा नीति जो आई है तो हमें सब कुछ दे रही है। हम जॉब सीकर नहीं बनेंगे जॉब गीवर बनेंगे यही सोच होनी चाहिए। जिस दिन हमारे बच्चे बाहर नहीं जाएंगे और बाहर के बच्चे शिक्षा के लिए बिहार आएंगे तभी बिहार आगे बढ़ेंगा। उस दिन की हम सभी का बेसब्री से इंतजार है। थोड़ा हटके करने की आवश्यकता होगी तो वो काम करेंगे। शिक्षा नीति का अध्ययन करें विचार विमर्श करें यह जरूरी है। हम हर दिशा में विचार मंथन का प्रयास करेंगे।