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SIR मामले में ECI 12 पार्टियों को भेजेगा नोटिस, अब हर हाल में करना होगा यह काम

Election Commission : बिहार के वर्तमान में सबसे बड़ा मुद्दा मतदाता पुर्निरीक्षण को लेकर बना हुआ है। इसी कड़ी में अब सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश सुनाया है और अब इसी आदेश को ध्यान में रखते हुए चुनाव आयोग ने 12 राजनीतिक पार्टी को नोटिस

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 24 Aug 2025 10:57:50 AM IST

Election Commission

Election Commission - फ़ोटो Election Commission

Election Commission : बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर हर दिन कोई न कोई नया राजनीतिक समीकरण तैयार होता है और इसको पटल पर कैसे उतारा जाए उसकी भी बातचीत होती है। इसी कड़ी में बिहार के वर्तमान में सबसे बड़ा मुद्दा मतदाता पुर्निरीक्षण को लेकर बना हुआ है। इसी कड़ी में अब सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश सुनाया है और अब इसी आदेश को ध्यान में रखते हुए चुनाव आयोग ने 12 राजनीतिक पार्टी को नोटिस भेजने की तैयारी में है। 


जानकारी के मुताबिक, बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद अब बिहार के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी (सीईओ) सभी 12 मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय और राज्यस्तरीय दलों को नोटिस भेजेंगे। नोटिस भेजे जाने के प्रक्रिया रविवार से शुरू होगी। अब देखने यह होगा की नोटिस आने के बाद यह राजनीतिक पार्टी इस पर किस तरह से कार्य करती है। 


दरअसल,सर्वोच्च न्यायालय ने अपने आदेश में स्पष्ट कहा है कि प्रारूप मतदाता सूची में नाम जोड़ने और सुधार की प्रक्रिया में राजनीतिक दलों की प्रत्यक्ष जिम्मेदारी तय होगी। इसमें राजनीतिक दलों की सक्रिय भागीदारी होगी और वो हर मतदाता को सहयोग करने के लिए बाध्य होंगे। सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश के अनुसार, मान्यता प्राप्त दलों को इस मामले में प्रतिवादी बनाया जाएगा और उनके अध्यक्ष/ कार्यकारी अध्यक्ष/ महासचिव को नोटिस जारी की जाएगी।


मालूम हो कि, बिहार में चल रहे एसआईआर को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है। कोर्ट ने अपने आदेश में यह स्पष्ट लिखा है कि बिहार के सभी मान्यता प्राप्त 12 राजनीतिक दलों के अध्यक्ष या महासचिव को 8 सितंबर को होने वाली सुनवाई में पेश होना होगा। इस दौरान सभी दलों को स्टेटस रिपोर्ट फाइल करके यह भी बताना होगा कि अपने बूथ लेवल एजेंट के जरिए कितने मतदाताओं की मदद पहुंचाई। 


आपको बताते चलें कि, बिहार के मतदाता सूची पुनरीक्षण को लेकर अगली सुनवाई 8 सितंबर को होगी। सुप्रीम कोर्ट ने बिहार के सभी 160000 बूथ लेवल एजेंट को यह आदेश दिया है कि वो लोग जो उन 65 लाख लोगों की सूची में शामिल हैं, जिनके नाम गलती से ड्राफ्ट रोल में छूट गए हैं वो उनकी हर संभव मदद करें।