PATNA: कुछ ही दिन हुए जब लालू प्रसाद यादव ने दिल्ली में शरद यादव के घर जाकर उनसे मुलाकात की थी. आज बीजेपी-जेडीयू से चोट खाये चिराग पासवान शरद यादव के दरवाजे पर पहुंच गये. हालांकि कहा ये जा रहा है कि चिराग पासवान शरद यादव का हाल-चाल जानने उनके घऱ गये थे. लेकिन पर्दे के पीछे कुछ और खेल चलने की खबर भी आ रही है.
मां के साथ शरद के घर पहुंचे चिराग
चिराग पासवान आज अपनी मां रीना पासवान के साथ दिल्ली में शरद यादव के आवास पर पहुंच गये. वहां लगभग आधे घंटे तक बातचीत चलती रही. बीच में मीडिया वालों को बुला कर फोटो सेशन भी कराया गया. बंद कमरे में असल बात क्या हुई ये राज की बात है. लेकिन शरद यादव ने कहा कि चिराग पासवान के पिता रामविलास पासवान से उनका गहरा और पुराना संबंध रहा है. आज जब चिराग पासवान उनसे मिलने आये तो वे भावुक हो उठे.
शरद यादव ने कहा कि चिराग पासवान की पार्टी को तोड़ कर उन्हें धोखा दिया गया है औऱ उनकी सियासी वजूद को खत्म करने की साजिश की गयी है. लेकिन जनता चिराग पासवान के साथ है. मीडिया ने पूछा कि क्या उन्होंने चिराग पासवान को राजद के साथ जाने की सलाह दी है. शरद यादव ने कहा कि चिराग फिलहाल स्वतंत्र राजनीति कर रहे हैं. उन्हें आगे क्या करना है इसका फैसला वे खुद करेंगे.
क्या मध्यस्थता करेंगे शरद
इसे संयोग कहें या रणनीति, कुछ दिनों पहले लालू प्रसाद यादव ने शरद यादव के घर जाकर मुलाकात की थी. लालू ने कहा था कि वे शरद यादव की तबीयत का हाल जानने शरद के घर आय़े थे. शरद यादव के घर पर ही मीडिया से बात करते हुए लालू प्रसाद यादव ने कहा था कि तेजस्वी यादव और चिराग पासवान को साथ मिल कर राजनीति करनी चाहिये. लालू ने भी दावा किया था कि रामविलास पासवान के समर्थक चिराग पासवान के साथ हैं.
ऐसे में सवाल ये उठ रहा है कि क्या शरद यादव राजद औऱ चिराग पासवान के बीच मध्यस्थता करने में लगे हैं. दरअसल चिराग पासवान ये कई दफे कह चुके हैं कि तेजस्वी यादव से उनकी लगातार बात होती रहती है. लेकिन लोजपा के सूत्र बताते हैं कि दोनों में तालमेल या गठबंधन को लेकर कोई बात नहीं हुई है.
दरअसल राजद और लालू-तेजस्वी को लेकर चिराग के मन में कई कड़वी यादें भी हैं. 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले रामविलास पासवान औऱ चिराग पासवान की पार्टी लोजपा का गठबंधन राजद से था. लेकिन लोकसभा चुनाव से पहले लालू यादव ने रामविलास पासवान या चिराग पासवान से गठबंधन की बात करने तक से इंकार कर दिया था. हाल ये था कि लालू यादव की तरफ से ये मैसेज दिया जा रहा था कि रामविलास पासवान पहले पहलवान दिखायें तब जाकर सीट की डिमांड करें.
चिराग अभी तक वो वाकया नहीं भूले हैं. वैसे भी बिहार में कोई भी चुनाव होने में कम से कम तीन साल बाकी है. 2024 में लोकसभा औऱ फिर 2025 में विधानसभा चुनाव होना है. किसी तरह का सियासी गठबंधन चुनाव को लेकर ही बन सकता है. ऐसे में फिलहाल चिराग पासवान ने बीजेपी से लगातार चोट खाने के बावजूद राजद से तालमेल की कोई पहल नहीं की है. वे पहले अपने वोट बैंक को मजबूत कर लेना चाहते हैं. उसके बाद राजद या किसी दूसरी पार्टी से गठबंधन की बात करने की पहल करेंगे.
लेकिन राजद की चाहत है कि चिराग पासवान अभी से ही उसके साथ आ जायें. इससे बिहार में नीतीश सरकार के खिलाफ माहौल बनाने का मौका मिलेगा. तेजस्वी और चिराग अगर साथ में बिहार की यात्रा करें तो फिर अलग माहौल बन सकता है. ऐसे में शरद यादव ने अगर चिराग को राजद के पाले में लाने की पहल की है तो इसमें कोई हैरानी की बात नहीं होनी चाहिये.