PATNA: देश की सियासत में पलटी मारने के एक्सपर्ट माने जा रहे नीतीश कुमार ने क्या बीजेपी के बाद कांग्रेस को भी गच्चा दे दिया है. बिहार कांग्रेस के नेताओं की बौखलाहट कुछ ऐसी ही कहानी कह रहा है. चर्चा ये है कि नीतीश कुमार कांग्रेस को भरोसा दिला कर पलटी मार गये हैं. देश में विपक्षी एकता बनाने की उनकी मुहिम का कांग्रेस ने कोई नोटिस नहीं लिया. ऐसे में नीतीश कांग्रेस से भी बदला चुकाने में लग गये हैं.
मंत्रिमंडल विस्तार पर कांग्रेस को गच्चा
शनिवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मीडिया ने पूछा था कि बिहार में मंत्रिमंडल का विस्तार कब हो रहा है. नीतीश कुमार ने जवाब दिया-कैबिनेट विस्तार को लेकर डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव से सवाल पूछिये. बिहार में नये तरह का गठबंधन हो गया है. किस पार्टी के कितने मंत्री होंगे ये तय है. तेजस्वी यादव ये देख लेंगे. हम लोग उनका इंतजार कर रहे हैं.
ये वही नीतीश कुमार हैं जिन्होंने लगभग एक महीने कहा था कि बिहार में कैबिनेट विस्तार हो सकता है. नीतीश ने तब कहा था कि कैबिनेट में राजद के दो मंत्रियों का पद औऱ कांग्रेस के एक मंत्री का पद खाली है. ये दोनों पार्टियां जब कहेंगी तब विस्तार हो जायेगा. लेकिन अब नीतीश कुमार ने कांग्रेस की दावेदारी को सिरे से खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि सब तेजस्वी यादव तय करेंगी. दरअसल एक महीने पहले नीतीश कुमार के बयान के बाद मीडिया ने तेजस्वी यादव से कैबिनेट विस्तार को लेकर सवाल पूछा था. तेजस्वी यादव ने कैबिनेट विस्तार की बात से साफ इंकार कर दिया था. उसके बाद नीतीश भी यू टर्न मार गये.
बौखलाहट में कांग्रेस
शनिवार को मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर नीतीश कुमार के बयान के बाद कांग्रेस बौखलाहट में है. बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने दावा किया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उन्हें भरोसा दिलाया है कि समाधान यात्रा के बाद मंत्रिमंडल का विस्तार किया जायेगा और कांग्रेस के नये मंत्रियों को शपथ दिलायी जायेगी. बता दें कि मौजूदा मंत्रिपरिषद में कांग्रेस से अभी सिर्फ दो मंत्री हैं. बिहार सरकार में कांग्रेस के आफाक आलम और मुरारी गौतम मंत्री हैं. कांग्रेस ये कह रही है कि विधायकों की संख्या के आधार पर कांग्रेस उसे मंत्रिमंडल में चार सीटें मिलनी चाहिये. इसलिए वह अपनी पार्टी के दो और नेताओं को मंत्री बनाने की मांग कर रही है. बिहार कांग्रेस के नवनियुक्त अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह अध्यक्ष बनने के बाद से लगातार ये कहते रहे हैं कि कांग्रेस के मंत्रियों की संख्या बढने वाली है.
इसी बीच पिछले 2 फरवरी को डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने कैबिनेट विस्तार की खबरों को सिरे से खारिज कर दिया था. उन्होंने कैबिनेट विस्तार को लेकर सीएम नीतीश की बात को काटते हुए कहा था कि महागठबंधन की पार्टियों के बीच कोई चर्चा नहीं हुई है. राज्य में अभी मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं होने वाला है. तेजस्वी के बयान के बाद कांग्रेस ने उन पर पलटवार भी किया था. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद ने कहा था कि बिहार में तेजस्वी मंत्रिमंडल नहीं है. सीएम नीतीश कुमार हैं और उनसे बात हो चुकी है. कांग्रेस कोटे से दो नए मंत्री बनाए जाएंगे. नीतीश ने 16 फरवरी को समाधान यात्रा खत्म होने के बाद मंत्रिमंडल विस्तार होने का भरोसा दिलाया है.
अब नीतीश कुमार की समाधान यात्रा खत्म होने में चार-पांच दिन बचे हैं. उससे पहले ही नीतीश कुमार ने कह दिया कि वह मंत्रिमंडल विस्तार पर कुछ नहीं करेंगे. जो करना और कहना है वह तेजस्वी यादव करेंगे. मतलब साफ है कि कांग्रेस को नीतीश मंत्रिमंडल में कोई नयी जगह नहीं मिलने जा रही है. कांग्रेसे के एक नेता ने बताया कि नीतीश कुमार सरासर वादाखिलाफी कर रहे हैं. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष से बातचीत में उन्होंने कांग्रेस को और मंत्री पद देने का भरोसा दिलाया था. लेकिन अब यू टर्न मार लिया है.
क्यों दिया कांग्रेस को गच्चा
सवाल ये भी उठ रहा है कि आखिरकार नीतीश कुमार ने कांग्रेस को भी गच्चा क्यों दे दिया. जेडीयू सूत्रों के मुताबिक नीतीश इस बात से खफा है कि कांग्रेस नेतृत्व उनका कोई नोटिस ही नहीं ले रहा है. बीजेपी से पाला बदलने के बाद नीतीश ने जब देश भर में विदेशी एकता की बात कही थी तो उनकी हवा कांग्रेस ने ही सबसे ज्यादा निकाली थी. सोनिया औऱ राहुल तो नीतीश कुमार से मिलने तक को तैयार नहीं थे. लालू प्रसाद यादव की पहल के बाद राहुल गांधी और सोनिया गांधी ने नीतीश कुमार से मिलने की औपचारिकता …