DESK : कोरोना का कहर पूरे विश्व में जारी है. भारत भी कोरोना के खिलाफ महाजंग लड़ रहा है, लेकिन भारत में भी कोरोना का संक्रमण तेजी से फैल रहा है. कोरोना के चेन को तोड़ने के लिए हॉटस्पॉट इलाकों का चयन कर इसे सील कर दिया जा रहा है.
एक तरफ दिल्ली में 20 हॉटस्पॉट सील किए गए हैं तो वही योगी सरकार ने यूपी में 15 जिलों के हॉटस्पॉट इलाकों को सील करने का फैसला लिया है. बिहार के सीवान में भी हॉटस्पॉट इलाके को सील किया गया है.
हॉटस्पॉट वर्ड सुनते ही हमारे दिमाग में कई तरह की बातें आती है. हमें यह पता नहीं है कि हॉटस्पॉट किसे कहते हैं और हॉटस्पॉट इलाका कितना बड़ा हो सकता है. और सील करने के बाद उस इलाके में रहने वाले लोगों को क्या करने की इजाजत होती है.
वैसा इलाका जहां कोरोना के मरीजों की संख्या ज्यादा हो या वैसा इलाका जहां संक्रमण फैलने की संभावना अधिक हो उसे हॉटस्पॉट इलाका कहा जाता है. यह इलाका किसी भी साइज का हो सकता है. जैसेकि मुहल्ला, कॉलोनी, गांव, पूरा सेक्टर या फिर एक अपार्टमेंट को भी हॉटस्पॉट माना जा सकता है. वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए तेजी से अब हॉटस्पॉट इलाकों का चयन किया जा रहा है और उन इलाकों में लोगों को सख्ती से लॉकडाउन का पालन करवाया जा रहा है.
कैसे होता है सील
हॉटस्पॉट इलाकों में सख्ती से लॉकडाउन का पालन करना होता है. इस दौरान इलाके में कोई भी दुकान खुली नहीं रहेंगी. इलाके में प्रवेश और निकास पर पुलिस की चौकसी होती है. हर एक लोगों पर पुलिस की नजर रहती है. लोग अपने आसपास में रहने वाले लोगों के भी घरों में नहीं जा सकते हैं. हॉटस्पॉट इलाकों से निकलने के लिए विशेष पास जारी की जाती है.