DESK : कोरोना को लेकर हाल फिलहाल खबर आई है कि ये वायरस छोटे कण के रूप में अब हवा में फैलने लगी है. वैज्ञानिकों का कहना है कि उस हवा में सांस लेने वाले लोगों को कोरोना वायरस संक्रमित कर सकता है. हवा से कोरोना फैलने का सबसे अधिक जोखिम भीड़भाड़ वाली बंद जगह में हो सकता है या फिर ऐसी जगह जहां वेंटीलेशन की कमी हो. इन बातों में कितनी सच्चाई है आइये जानते हैं.
क्या हवा से संक्रमण फ़ैल सकता है ?
सरल शब्दों में समझें तो हवा से कोरोना संक्रमण फैलने का मतलब यह है कि कोरोना वायरस के ड्रॉपलेट्स घंटों में हवा में प्रभावी तरीके से रह सकता है. यह समस्या बंद जगह में बढ़ जाती है. हालांकि, हवा में मौजूद ये वायरस कितने समय में किस तीव्रता से फ़ैलता है, इसे लेकर अभी कोई ठोस जानकारी सामने नहीं आई है. जिन विशेषज्ञों ने इसको लेकर दावे किए हैं उन्हीं विशेषज्ञों ने अपने सबूतों के साथ एक ओपन लेटर वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन को भेजा है. उन्होंने कहा है कि 5 माइक्रॉन डायमीटर से छोटे ड्रॉपलेट इस तरह से फ़ैल सकते हैं. इंसान का बाल 50 माइक्रॉन डायमीटर का होता है, इस हिसाब से आप 5 माइक्रॉन कितना छोटा है इसका अंदाजा लगा सकते हैं.
आप इन से कैसे बच सकते हैं ?
इससे बचने के लिए स्कूल, नर्सिंग होम और दफ्तरों में एयर फिल्टर्स लगाए जाने चाहिए और अल्ट्रावॉयलेट लाइट की मदद से हवा में फैलने वाले वायरस को मारने की व्यवस्था की जानी चाहिए. जानकारों का मानना है कि कोरोनावायरस हवा में बहुत दूर तक नहीं फ़ैल सकता. इसको लेकर पर्याप्त साक्ष्य मिले हैं कि बंद कमरे हवा में मौजूद कोरोनावायरस 3 घंटे तक प्रभावी तरीके से रह सकता है.
क्या है इससे बचने का प्रभावी उपाय ?
संक्रमण से बचने के लिए फिजिकल डिस्टेंसिंग बेहद जरुरी है. अगर आप किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आते हैं तो इससे बचने के लिए बार-बार हाथ धोना सबसे जरुरी है. साथ ही अपने नाक, कान, चेहरे, और आंख को बिना हाथ धोए हुए ना छुएं. किसी बंद जगह पर वेंटिलेशन की व्यवस्था या वायरस को नष्ट करने की क्षमता पर भी ध्यान दिया जाना बेहद जरूरी है.
वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन ने कोरोना वायरस के हवा से फैलने की संभावना को मान लिया है. WHO की टेक्निकल हेड मारिया वन्केर्खोवे ने बताया कि कोरोना वायरस के हवा में रहने और हवा के जरिए फैलने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है. खास तौर पर भीड़-भाड़ वाली जगह पर ये वायरस हवा में मौजूद हो सकता है. इस बारे में अभी एक्सपर्ट से राय ली जाएगी और जल्द ही नई गाइडलाइंस भी जारी की जा सकती है. आगे उन्होंने कहा कि यदि ये वायरस हवा से फैलता है तो भी मास्क लगाना और सोशल डिस्टैंसिंग के नियमों का पालन करना जरुरी है.