कुशवाहा के पोस्टर से ललन सिंह आउट, नीतीश के विरोधियों को मिली जगह

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 19 Feb 2023 03:19:24 PM IST

 कुशवाहा के पोस्टर से ललन सिंह आउट, नीतीश के विरोधियों को मिली जगह

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PATNA  : जदयू नेता उपेंद्र कुशवाहा के बुलाबे पर आज से अगले दो दिनों तक जनता दल यूनाइटेड के समर्पित साथियों की बैठक पटना में शुरू हो चुकी है। इस बैठक के बहाने उपेंद्र कुशवाहा पार्टी के सर्वमान्य नेता नीतीश कुमार को अपनी ताकत दिखाने की कोशिश कर रहे हैं। इसके आलावा कुशवाहा ने  सिन्हा लाइब्रेरी में चल रही बैठक में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह को भी बड़ा संदेश दिया है। 


दरअसल, कुशवाहा ने अपनी इस बैठक के दौरान जो बैनर और पोस्टर लगाए हैं उसमें नीतीश कुमार और ललन सिंह और उमेश कुशवाहा को आइना दिखाया है। कुशवाहा ने अपनी इस बैठक में तो पोस्टर लगाए हैं उसमें नीतीश, स्व जार्ज फर्नांडिस और स्व शरद यादव की फोटो दिखी। लेकिन, इस पोस्टर में कही भी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह और प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा को जगह नहीं दी गई।


कुशवाहा ने अपनी बैठक में ' जनता दल यूनाइटेड के समर्पित साथियों की बैठक' नाम से जो पोस्टर लगाया है। उसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तस्वीर है और उसमें  लिखा गया है कि पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष जदयू सह मुख्यमंत्री बिहार। इसके आलावा इस पोस्टर में जॉर्ज फर्नांडिस और शरद यादव की तस्वीरें लगाई गई हैं। लेकिन ललन सिंह को पोस्टर में जगह नहीं दी गई है। 


वहीं, इस पोस्टर में  शरद यादव को जगह देने के बाद अब यह चर्चा शुरू हो गयी है कि कुशवाहा ने जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह की पोस्टर न लगाकर  शरद यादव की पोस्टर क्यों लगाया है।  जबकि वो तो अपने जीवन के अंतिम समय में  जदयू को छोड़कर राजद में चले गए थे। उसके बाद भी उन्हें क्यों जगह दी।  हालांकि, कुछ राजनीतिक जानकारों का यह भी कहना है कि उपेंद्र कुशवाहा यह साफ़ कर चुके हैं कि जदयू सिर्फ नीतीश कुमार या ललन सिंह की पार्टी नहीं है बल्कि यह जॉर्ज फर्नाडिस और शरद यादव सहित उन लाखों लोगों की पार्टी है जिन्होंने जदयू को मजबूत किया। 


मालूम हो कि,उपेंद्र कुशवाहा अपने इस  दो दिनों की बैठक के बाद बडा फैसला ले सकते हैं। वे जान चुके हैं कि जेडीयू में अब उनकी कोई जगह नहीं है. ऐसे में विद्रोह की एकमात्र रास्ता बचता है। लेकिन फिलहाल वे जेडीयू छोड़े बगैर बागी तेवर दिखाते रहेंगे। कुशवाहा इंतजार कर रहे हैं कि नीतीश कुमार उन्हें खुद पार्टी से निकाल दें. लेकिन नीतीश भी समझ रहे हैं कि कुशवाहा को पार्टी से निकालने का मतलब होगा कि उन्हें शहीद बना देना। वैसे कुशवाहा की बैठक से एक प्रस्ताव पारित होना तय है. बिहार और खास कर लव-कुश को तेजस्वी यादव का नेतृत्व मंजूर नहीं। 


आपको बताते चलें कि, कुशवाहा के इस बैठक में  शामिल होने वालों के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी दी है। पार्टी ने हर जिले में ये मैसेज भिजवाया है कि जो कोई भी उपेंद्र कुशवाहा की बैठक में आयेगा उसे पार्टी से निकाल दिया जायेगा। वैसे नीतीश या ललन सिंह ने उपेंद्र कुशवाहा के खिलाफ कार्रवाई की बात अब तक नहीं कही है। लेकिन जेडीयू के राज्यसभा सांसद वशिष्ठ नारायण सिंह ने शनिवार को कहा कि सही समय पर उपेंद्र कुशवाहा के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी।