कृषि मंत्री सुधाकर सिंह का इस्तीफा मंजूर, कुमार सर्वजीत को मिला विभाग का जिम्मा, तेजस्वी पर्यटन विभाग भी देखेंगे

कृषि मंत्री सुधाकर सिंह का इस्तीफा मंजूर, कुमार सर्वजीत को मिला विभाग का जिम्मा, तेजस्वी पर्यटन विभाग भी देखेंगे

PATNA: रविवार की सुबह इस्तीफा देने वाले कृषि मंत्री सुधाकर सिंह का इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया है. सुधाकर सिंह ने अपना इस्तीफा तेजस्वी यादव को भेजा था. आज देर शाम तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार से मिलकर उन्हें कृषि मंत्री का इस्तीफा सौंपा. नीतीश ने उसे स्वीकार करते हुए राज्यपाल फागू चौहान के पास भेज दिया. 


सर्वजीत को कृषि का जिम्मा

सीएम हाउस से दी गयी जानकारी में बताया गया है कि सुधाकर सिंह ने अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री को सौंपा था, जिसे नीतीश कुमार ने स्वीकार कर लिया. सीएम हाउस की ओर से कहा गया है कि सुधाकर सिंह अब मंत्री नहीं रहे. मुख्यमंत्री ने कृषि विभाग का जिम्मा राजद के विधायक कुमार सर्वजीत को सौंपा है. कुमार सर्वजीत पहले पर्यटन विभाग देख रहे थे. उनसे पर्यटन विभाग वापस लेकर डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के जिम्मे सौंप दिया गया है.


बता दें कि आज सुबह ही ये खबर आयी थी कि कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. सुधाकर सिंह के पिता औऱ राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने इसकी पुष्टि की थी. जगदानंद सिंह ने कहा कि सुधाकर सिंह ने किसानों के लिए बड़ी लडाई छेड़ी औऱ इसके लिए त्याग करना पडता है. वैसे सूत्रों के हवाले से खबर ये आयी थी कि नीतीश कुमार को खुश करने के लिए तेजस्वी यादव ने सुधाकर सिंह से इस्तीफा लिया है. 


मीडिया से बात करते हुए बिहार राजद के अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने मीडिया से बात करते कहा था कि कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने किसानों के लिए त्याग किया है. पूरे भारत में मंडी कानून समाप्त करने के लिए आंदोलन चला. बिहार में भी मंडी कानून समाप्त कर दिया गया है. कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने बिहार में किसानों के लिए मंडी कानून लागू करने की मांग उठायी थी. लेकिन सिर्फ मांग उठाने से काम नहीं चलता, इसके लिए त्याग करना पड़ता है. इसलिए सुधाकर सिंह ने अपना त्यागपत्र भेज दिया है. क्योंकि हम नहीं चाहते हैं कि सरकार के अंदर कोई लड़ाई आगे बढ़े. लेकिन बिहार के कृषि मंत्री ने किसानों, मजदूरों औऱ गरीबों के हित में अपना त्याग पत्र भेज दिया है.


जगदानंद सिंह ने कहा कि सुधाकर सिंह ने अपना इस्तीफा डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को सौंप दिया है. तेजस्वी यादव राजद विधायक दल के नेता हैं. उन्हें उस इस्तीफे को जहां भेजना है वहां भेजेंगे. तेजस्वी यादव ने वह इस्तीफा नीतीश कुमार को सौंपा और फिर नीतीश ने उसे स्वीकार करने की औपचारिकता निभायी. 


नीतीश को खुश करने के लिए तेजस्वी ने ली बलि?

सियासी गलियारे में सवाल ये उठ रहा है कि क्या नीतीश कुमार को खुश करने के लिए तेजस्वी यादव ने भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग छेड़ने वाले कृषि मंत्री सुधाकर सिंह की बलि ले ली है. बता दें कि सुधाकर सिंह शुरू से ही बिहार के कृषि विभाग में उपर से लेकर नीचे तक फैले भ्रष्टाचार को खुलकर उठा रहे थे. सुधाकर सिंह ने कृषि विभाग को चोर और खुद को चोरों का सरदार करार दिया था. उन्होंने किसानों से अपील की थी कि जो अधिकारी या कर्मचारी उनसे घूस मांगे उसे वे जूतों से पीटे. 


सुधाकर सिंह इस मसले पर खुलेआम नीतीश कुमार से भिड़ चुके थे. कैबिनेट की बैठक में जब नीतीश कुमार ने उनके चोर औऱ चोरों के सरदार वाले बयान पर आपत्ति जतायी थी तो सुधाकर सिंह कैबिनेट की बैठक छोड़ कर चले गये थे. उन्होंने कहा था कि वे सच कह रहे हैं और चाहे जो कुछ भी हो जाये वे अपनी बात पर कायम रहेंगे. 


उधर, बिहार में किसानों के लिए मंडी कानून खत्म होने पर सुधाकर सिंह लगातार आपत्ति जता रहे थे. दरअसल नीतीश कुमार ने 2006 में ही बिहार में किसानों के लिए मंडी कानून को खत्म कर दिया था. सुधाकर सिंह कह रहे थे कि किसानों के लिए मंडी कानून खत्म होने के बाद उऩकी स्थिति बेहद खराब हो गयी है. उन्हें अपने उपज को सरकार द्वारा तय एजेंसी के पास ही बेचना पड़ता है औऱ इससे उन्हें भारी नुकसान होता है. फसल का सही दाम नहीं मिल पाता. 


सुधाकर सिंह ने इन बयानों पर नीतीश कुमार खुलकर आपत्ति जता रहे थे. नीतीश ने बिहार में भ्रष्टाचार जैसी किसी बात से साफ इंकार कर दिया था. बिहार के मुख्यमंत्री का दावा था कि यहां कोई भ्रष्टाचार नहीं है और अगर कोई घूस लेता है तो उसे जेल जाना पडता है. नीतीश कुमार सुधाकर सिंह को लेकर लगातार लालू और तेजस्वी यादव पर दबाव बना रहे थे औऱ आखिरकार सुधाकर सिंह को इस्तीफा देना ही पडा.