PATNA : केंद्र सरकार की तरफ से लागू किए गए नए कृषि कानूनों के खिलाफ एक तरफ 26 जनवरी को जहां देश की राजधानी दिल्ली में अभूतपूर्व हंगामा हुआ. लाल किले तक उपद्रवी पहुंच गए वहीं दूसरी तरफ पश्चिम बंगाल की ममता सरकार ने इन कृषि कानूनों के खिलाफ विधानसभा में प्रस्ताव लाने का फैसला किया है. पश्चिम बंगाल विधानसभा का विशेष सत्र आज से शुरू हो रहा है 2 दिनों के विशेष सत्र में ममता सरकार ने कृषि कानूनों के खिलाफ विधानसभा में प्रस्ताव लाएगी.
आज से शुरू होने वाले विधानसभा के विशेष सत्र में 28 जनवरी को सरकार के नए कृषि कानूनों के विरोध में एक प्रस्ताव पेश किया जाएगा. इस प्रस्ताव के जरिए मांग रखी जाएगी कि कृषि कानूनों को रद्द किया जाए. राज्य के संसदीय कार्य मंत्री पार्थ चटर्जी के मुताबिक नियम 169 के तहत इस प्रस्ताव को पेश किया जाएगा. इस पर सदन में तकरीबन 2 से 3 घंटे तक के चर्चा होगी. आपको बता दें कि अभी तक के गैर बीजेपी शासित लगभग 5 राज्यों में कृषि कानून के खिलाफ अपनी अपनी विधानसभाओं से प्रस्ताव पारित किए हैं. इनमें राजस्थान, केरल, दिल्ली और छत्तीसगढ़ शामिल हैं. पश्चिम बंगाल नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव पास करने वाला छठा राज्य होगा.
ममता सरकार की कोशिश थी कि यह प्रस्ताव विधानसभा में लेफ्ट और कांग्रेस के साथ मिलकर पेश किया जाए लेकिन सरकार की रणनीति सफल साबित नहीं हो पाई दरअसल कांग्रेस और लेट उस प्रस्ताव को नियम 185 के तहत चलाना चाहते थे. राज्य के संसदीय कार्य मंत्री के मुताबिक वे इसी प्रस्ताव को नियम 185 के साथ लाना चाहते थे, लेकिन एक ही मुद्दे पर दो प्रस्ताव अलग-अलग नियमों के तहत लाने पर सरकार तैयार नहीं हुई. सरकार में पहले ही इसे नियम 169 के तहत विधानसभा में चर्चा के लिए प्रस्ताव दे दिया था. लिहाजा तृणमूल कांग्रेस के प्रस्ताव पर सदन में चर्चा होगी और इसे पास किया जाएगा बीजेपी ममता सरकार के इस फैसले को सियासी ड्रामा बता रही है. बीजेपी ने तय किया है कि उनकी पार्टी विधानसभा में इस प्रस्ताव का विरोध करेगी इस प्रस्ताव के अलावे विधानसभा के विशेष सत्र में कृषि विश्वविद्यालय की स्थापना और जीएसटी से संबंधित मुद्दों पर भी दो विधेयक पेश किए जाने हैं.