DESK : कृषि बिल को लेकर किसानों का विरोध तेज होते जा रहा है. इस बिल के विरोध में किसान अब सड़कों पर उतरने लगे हैं. पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में बिल का जबरदस्त विरोध हो रहा, वे लगातार बिल को वापस लेने की मांग कर रहे हैं. खबर है कि सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे कुछ किसानों को दिल्ली बॉर्डर पर रोकने के लिए हरियाणा पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे हैं और पानी की बौछार की है. साथ ही कई किसानों को हिरासत में भी लिया है.
बिल का विरोध कर रहे किसानों का कहना है कि ये बिल किसानों के लिए डेथ वारंट है और इसे किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. किसान नेताओं का कहना है कि सरकार लोगों के साथ धोखा कर रही है, क्योंकि तीनों अध्यादेश पूंजीपतियों के लिए है और पूंजीपति किसान की फसल का मनचाहा एमएससी लगाएंगे, जिससे किसान की हालत और भी ज्यादा खराब होगी.
भारतीय किसान यूनियन ने 25 सितंबर को भारत बंद का ऐलान किया है. किसान यूनियन के महासचिव धर्मेंद्र मलिक ने कहा कि भारतीय किसान यूनियन इस हक की लडाई को मजबूती के साथ लड़ेगी. सरकार यदि हठधर्मिता पर अड़िग है तो हम किसान भी पीछे हटने वालों में से नहीं हैं. किसान के पेट पर सरकार ने हमला किया है, जिसे हम कभी बर्दाश्त नहीं करेंगे. इस कानून से कृषि क्षेत्र में कम्पनी राज को सरकार स्थापित करना चाह रही है.
बिहार में इस बंद को आरजेडी का समर्थन मिला हुआ है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने आज एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा है कि उनकी पार्टी ने सदन में इस बिल का विरोध किया है लेकिन अब वो और उनकी पार्टी सड़क पर भी इस बिल का विरोध करेगी. उन्होंने कहा की ये विधेयक किसान विरोधी है, इसे जल्द से जल्द वापस लिया जाना चाहिए.