PATNA : केशव सिंह, दीनानाथ क्रांति, रामनाथ रमन, पारसनाथ गुप्ता, कौशल किशोर सिंह कुशवाहा. अगर आप बिहार की सियासत पर नजर रखते हैं तो क्या इन नेताओं का नाम सुना है? बिहार के सियासत की पैनी नजर समझ रखने वालों ने भी इन बड़े नेताओं का नाम शायद ही कभी सुना होगा. लेकिन आज ऐसे ही नेताओं को चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी के तोप करार देकर जेडीयू में खूब तामझाम से शामिल कराया गया. जेडीयू का अति उत्साह देखिये, इनमें से कोई नेता कभी विधायक, विधान पार्षद या सांसद नहीं रहा. लेकिन जेडीयू के राष्ट्रीय अध्य़क्ष आरसीपी सिंह खुद उन्हें पार्टी में शामिल कराने पहुंच गय़े. गदगद जेडीयू ने दावा कर दिया है कि अब चिराग पासवान का सियासी खात्मा तय हो गया है.
चिराग पासवान को निपटाने की बेचैनी
दरअसल जेडीय़ू में चिराग पासवान को निपटाने की बेचैनी है. नीतीश से लेकर आरसीपी सिंह के बयानों में लगातार ये बेचैनी दिखती है. ये बेचैनी आज उत्साह में बदला. जेडीयू के प्रदेश कार्यालय में आज भव्य मिलन समारोह हुआ. पटना की सियासत में थोड़ी पहचान रखने वाले एक-दो चेहरों को छोड़ दें तो बाकी सब के सब अनजान चेहरे मंच पर आये. जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह ने फूल-माले के साथ उनका स्वागत किया और सब को नीतीश की जमात में शामिल करने का सर्टिफिकेट दे दिया. आरसीपी सिंह ने कहा कि जितने लोग लोजपा से आये हैं सब उस पार्टी में पदाधिकारी थे. उनके आने से जेडीयू काफी मजबूत हो जायेगा.
चिराग को गालियों पर आरसीपी सिंह ताली बजाते रहे
जेडीयू के प्रदेश कार्यालय में आज हुए मिलन समारोह का क्लाइमेक्स बाकी थी. क्लाइमेक्स तब आया जब लोजपा से जेडीयू में आये केशव सिंह ने चिराग पासवान को गालिय़ां देनी शुरू की. चिराग पासवान को ताबड़तोड़ ऐसे विशेषणों से नवाजा गया, जिसकी गुंजाइश सभ्य तरीके की सियासत में तो कतई नहीं हो सकती. लेकिन आरसीपी सिंह खुद तालियां बजाते रहे. लोजपा से आये नेताओं ने दावा किया कि वे सब मिलकर चिराग पासवान को जेल भिजवा कर रहेंगे. मिलन समारोह में मौजूद जेडीयू के नेताओं ने सबसे ज्यादा तालियां तभी बजायी.
लोजपा के टूटने के दावे में कितना दम
हकीकत बात ये है कि लोजपा के टूटने के दावे में सिर्फ जेडीयू को दम नजर आ सकता है. हकीकत कुछ औऱ है. जेडीयू में आज लोजपा के 208 नेता केशव सिंह के नेतृत्व में शामिल हुए. केशव सिहं लोजपा के कई दर्जन प्रदेश महासचिव में से एक थे. चुनाव के वक्त ही उन्हें चिराग पासवान ने पार्टी से निकाल दिया था. वैसे केशव सिंह रामविलास पासवान के समय से लोजपा से जुड़े रहे हैं लेकिन उन्हें लोक जनशक्ति पार्टी से दो बार निकाला जा चुका है. कुछ दिनों के बाद वे फिर से लौट कर उसी पार्टी में आते रहे हैं. वैसे जेडीयू को लग रहा है कि केशव सिंह के सहारे लोजपा को खत्म किया जा सकता है.
शामिल होने वालों के लिस्ट में भी गड़बड़ी
उधर रोहतास जिला के लोजपा के पूर्व अध्यक्ष अतुल सिंह का नाम भी उस सूची में शामिल था जिसे जेडीयू की ओर से जारी किया गया था. कहा गया कि अतुल सिंह लोजपा छोड़ जेडीयू में शामिल हो गये हैं. बाद में अतुल सिंह ने वीडियो जारी कर केशव सिंह पर फर्जीवाड़े का आरोप लगाया. अतुल सिंह ने कहा कि वे चिराग पासवान के साथ हैं. फर्जी तरीके से उनके जेडीयू में शामिल होने की खबर फैलायी जा रही है.