DELHI : कोरोना वायरस को लेकर भारत सरकार पूरी सतर्कता बरत रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने लोकसभा में कोरोना वायरस पर विस्तार से जवाब देते हुए कहा है कि भारतीयों की सुरक्षा सरकार की पहली प्राथमिकता है और इससे बिना कोई समझौता किए दूसरे देशों में फंसे भारतीय नागरिकों को वापस लाने की दिशा में लगातार प्रयास कर रहे हैं। बचाव के लिए जरूरी है कि भीड़ से बचा जाए इसके लिए जरूरी है कि लोग सामूहिक आयोजन हो से परहेज करें।
डॉ. हर्षवर्धन ने लोकसभा में बताया कि चीन के वुहान शहर में फंसे भारतीयों को सबसे पहले स्वदेश लाया गया भारत दुनिया का इकलौता ऐसा देश है जिसने अपने नागरिकों को सबसे पहले वुहान से निकाला।उन्होनें कहा कि विदेश से आए लोगों की निगरानी की जा रही है। रोजाना हर राज्य से हेल्थ रिपोर्ट ले रहे हैं।उन्होंने कहा कि एयरपोर्ट पर स्क्रीनिंग में कोई कमी नहीं की गई है। हम राज्य सरकारों के लगातार संपर्क में हैं, उनसे पॉजिटिव केस पर रिपोर्ट भेजने को कहेंगे।
वहीं विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संसद को आश्वासन दिया कि भारत कोरोनो वायरस महामारी से निपटने के लिए तैयार है। उन्होंने ईरान और इटली में भारतीय नागरिकों की स्थिति पर सदन को अवगत कराया। ईरान में स्थिति के संबंध में जयशंकर ने कहा कि दूतावास ने भारतीयों से संपर्क किया है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि उनके पास पर्याप्त प्रावधानों का उपयोग हो। उन्होंने कहा कि ईरान के विभिन्न प्रांतों में लगभग 6,000 भारतीय नागरिक हैं, जिनमें से लगभग 1,000 जम्मू और कश्मीर और लद्दाख के तीर्थयात्री हैं। केरल, तमिलनाडु और गुजरात से लगभग 1,000 मछुआरे हैं, और 300 छात्र हैं।