1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 20 Aug 2024 11:29:49 AM IST
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DELHI: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में ट्रेनी महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और रेप के मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हो गई है। शीर्ष अदालत ने स्वतः संज्ञान लेते हुए मामले पर सुनवाई करने का फैसला लिया था।
भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, जेबी पारदीवाला और मनोज मिश्रा की पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही। सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को यह केस 66वें नंबर पर था लेकिन प्राथमिकता के तौर पर केस की सुनवाई सबसे पहले शुरू की गई है। सुनवाई के दौरान सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि हाई कोर्ट कोलकाता रेप केस पर सुनवाई कर रही है लेकिन ये गंभीर मामला देशभर के स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा से जुड़ा है।
चीफ जस्टिस ने कहा कि हम जानते हैं कि वे सभी इंटर्न, रेजिटेंड डॉक्टर और सबसे पहले महत्वपूर्ण महिला डॉक्टर हैं। अधिकांश युवा डॉक्टर 36 घंटे तक काम कर रहे हैं। हमें काम की सुरक्षित स्थित सुनिश्चित करने के लिए एक राष्ट्रीय प्रोटोकॉल को विकसित करना चाहिए। अगर महिलाएं काम पर नहीं जा पा रही हैं और हालात सुरक्षित नहीं हौं तो हम उन्हें समानता से वंचित कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि देश के अस्पतालों में खासकर सरकारी अस्पतालों में युवा डॉक्टरों को लेकर स्थिति बेहद कमजोर है। इस दौरान उन्होंने पीड़िता की हत्या को सुसाइड बताने के मामले का भी जिक्र किया और कहा कि अपराध का पता चलने के बाद प्रिंसिपल ने इसे आत्महत्या बताया। जिस पर पश्चिम बंगाल सरकार की तरफ से कोर्ट में मौजूद वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि यह गलत है।
केस की सुनवाई के दौरान भारत के मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि इस मामले में एफआईआर भी देर से दर्ज की गई है। जिसपर कपिल सिब्बल ने इसे भी गलत बताया। तब सीजेआई ने पूछा कि क्या एफआईआर में इसे मर्डर कहा गया। इसके जवाब में सिब्बल ने कहा कि अननेचुरल डेथ का जिक्र किया गया। तब चीफ जस्टिस ने पूछा कि जब मामले को आत्महत्या बताया जा रहा था तो सबसे बड़ा सवाल है कि प्रिंसिपल उस वक्त क्या कर रहे थे। एफआईआर शाम में दर्ज कराई जाती है।