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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sat, 21 Sep 2024 08:22:13 AM IST
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DESK : देश के अंदर कुछ महीने पहले ही लोकसभा चुनाव संपन्न हुआ है। इस चुनाव में एनडीए को बहुमत हासिल हुआ और एक बार फिर नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री नियुक्त किए गए। इसके बाद कैबिनेट में कुछ नए और युवा मेंबर को भी जगह दी गई। अब सरकार के कुछ महीने के कार्यकाल बीतने के बाद कैबिनेट के मंत्री तरह -तरह के कार्यक्रम में शामिल हो रहे हैं और इस लोकसभा चुनाव को लेकर चर्चा भी कर रहे हैं। लेकिन, इस दौरान जिस नेता की सबसे अधिक चर्चा हो रही है वह मोदी कैबिनेट के सबसे पुराने नेता है।
दरअसल, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने शुक्रवार को एक पॉडकास्ट में बात करते हुए इशारों-इशारों में बड़ी बात कह डाली है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की सबसे बड़ी परीक्षा यह है कि शासक अपने खिलाफ जाहिर की गई सबसे मजबूत राय को भी बर्दाश्त करता है। वह इस पर आत्मचिंतन करता है। गडकरी ने कहा कि इन दिनों राजनीति में जो हो रहा है वह अन्य जगहों पर भी हुआ है। किसी ने अपना अस्तित्व खो दिया है। हमारे देश में मतभेद कोई समस्या नहीं है, हमारी समस्या है किसी मत का नहीं होना।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि, हकीकत यह है कि अब हम न दक्षिणपंथी हैं और न ही वामपंथी, हम अवसरवादी हैं। हमें जिधर अवसर मिलता है हम उस तरफ हो जाते हैं जो हमारी राजनीती के लिए कभी उचित नहीं हो सकता। वही वजह है कि कई लोगों ने अपना अस्तित्व खो दिया है। हमारे देश में मतभेद कोई समस्या नहीं है, हमारी समस्या है किसी मत का नहीं होना।
गडकरी ने कहा कि लोकतंत्र की अगर कोई सबसे बड़ी कसौटी है तो वह यह है कि यदि कोई विचार राजा के विरोध में है तो राजा उसे सहन करे और उस पर आत्ममंथन करे। यही वास्तविक लोकतंत्र है। इससे पहले रविवार को इंजीनियर्स डे पर गडकरी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग पुणे में एक समारोह में मौजूद थे। यहां पर उन्होंने पारदर्शिता और फैसले लेने के लिए समय सीमा तय करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि अगर कोई जानकार व्यक्ति कानून के पीछे की भावना को नहीं समझता है तो इसका क्या फायदा?
इसके आगे गडकरी से जब यह सवाल किया गया कि यह अक्सर सवाल किया जाता है कि नेता मंत्री और विधायक का टोल नहीं लगता है और आम आदमी से पैसे लिए जाते हैं। इस पर उन्होंने दो टूक जवाब देते हुए कहा कि सड़क अच्छी हो तो आम लोगों को ही सबसे अधिक सुविधा मिलती है। जबकि नेता का क्या है वह कैसे भी जहां जाना होगा जाएंगे ही। लेकिन, मेरा मानना है कि नेता को सुविधा दीजिए लेकिन भ्रष्टाचार करने पर कड़ा एक्शन भी होना चाहिए।