KK PATHAK की कितनी आंखें हैं? स्कूल के बजाय डीईओ ऑफिस में घूम रही थी शिक्षिका, टीचर के साथ हेडमास्टर की भी सैलरी बंद हुआ

KK PATHAK की कितनी आंखें हैं? स्कूल के बजाय डीईओ ऑफिस में घूम रही थी शिक्षिका, टीचर के साथ हेडमास्टर की भी सैलरी बंद हुआ

AURANAGABAD: शिक्षा विभाग में लगातार कार्रवाई की तलवार चला रहे अपर मुख्य सचिव केके पाठक की आंखें कहां कहां न देख रही हैं. सरकारी स्कूल की एक महिला टीचर स्कूल टाइम में बच्चों को पढ़ाने के बजाय डीईओ ऑफिस का चक्कर लगा रही थीं. पाठक जी की नजर वहां भी पहुंच गयीं. लिहाजा कार्रवाई हो गयी है. दिलचस्प बात ये है कि महिला टीचर का तो एक दिन का वेतन कटा है, उनके स्कूल के हेडमास्टर का महीने भर का वेतन रोक दिया गया है.


मामला बिहार के औरंगाबाद जिले का है. शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के निर्देश पर शिक्षा विभाग ने एक महिला टीचर के साथ ही उनके स्कूल के हेडमास्टर का भी वेतन रोक दिया है. विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक शिक्षिका प्रीति कुमारी स्कूल में पढ़ाने के बजाय जिला शिक्षा पदाधिकारी यानि DEO के ऑफिस में घूम रही थीं. इसकी सजा न सिर्फ शिक्षिका बल्कि उनके हेडमास्टर को भी भुगतनी पड़ी है. 


कार्यालय में घूमती हुई पाई गई थी। जब उससे पूछा गया तो उसने छुट्टी लेकर किसी काम से आने की बात कही। जांच में जानकारी गलत पाए जाने पर विभाग की ओर से यह कार्रवाई की गई है।


मामले के संबंध में मिली जानकारी के मुताबिक औरंगाबाद जिले के गोह प्रखंड के राजकीय प्राथमिक विद्यालय, गोह में प्रीति कुमारी शिक्षिका के पद पर तैनात हैं. शिक्षिका प्रीति कुमारी का वेतन रोक दिया गया है. गलत सूचना देने के आरोप में उस स्कूल के हेडमास्टर का भी वेतन बंद कर दिया गया है. इस संबंध में जिले के  डीपीओ (स्थापना) दयाशंकर ने आदेश जारी किया है. 

राजकीय प्राथमिक विद्यालय, गोह के प्रधानाध्यापक को लिखे गये पत्र में डीपीओ ने कहा है कि स्कूल खुला था और शिक्षिका प्रीति कुमारी जिला शिक्षा कार्यालय में भ्रमण करते हुए मिली थीं. जब उनसे पूछताछ की गयी तो उन्होंने बताया कि वे स्कूल से छुट्टी लेकर कार्यालय कार्य के लिए यहां आयी हैं. 

इसकी जांच गोह के प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी द्वारा करायी गयी. प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी ने जानकारी दी कि स्कूल के प्रधानाध्यापक ने शिक्षकों के हाजिरी रजिस्टर में प्रीति कुमारी के नाम के सामने 13 दिसंबर को जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय अंकित किया है. स्थापना डीपीओ या किसी औऱ पदाधिकारी ने शिक्षिका प्रीति कुमारी को किसी काम के लिए जिला शिक्षा कार्यालय में नहीं बुलाया गया था. ना इस संबंध में कोई आदेश प्रधानाध्यापक को दिया गया था. 


डीपीओ ने प्रधानाध्यापक को कहा है कि वे स्पष्ट करें कि प्रीति कुमारी के उपस्थिति कॉलम में गलत सूचना क्यों दर्ज की गई. प्रधानाध्यापक का स्पष्टीकरण मिलने और उस पर विभाग का फैसला आने तक प्रीति कुमारी का 13 दिसंबर का वेतन स्थगित कर दिया गया है. वहीं, प्रधानाध्यापक का पूरे महीने का वेतन बंद किया गया है.