BANKA: जेडीयू में उपेंद्र कुशवाहा को लेकर मचा घमासान थमता नहीं दिख रहा है। एक तरह कुशवाहा पार्टी नेतृत्व के खिलाफ हमला पर हमला बोलते जो रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ जेडीयू का शीर्ष नेतृत्व भी कुशवाहा को लेकर अपना स्टैंड साफ कर दिया है। जिसके बाद बात आर-पार की लड़ाई तक पहुंच गई है। कुशवाहा ने रविवार को पत्र जारी कर जेडीयू नेताओं की बैठक बुलाने की बात कही थी। जिसके बाद ललन सिंह ने कड़े शब्दों में कुशवाहा की चिट्ठी का जवाब दिया था। अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी कुशवाहा को लेकर बड़ा बयान दे दिया है। नीतीश ने कहा है कि उपेंद्र कुशवाहा पता नहीं किसकी भाषा बोल रहे हैं। उनको जहां जाना है चले जाएं, निर्णय उन्हीं को लेना है।
दरअसल, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समाधान यात्रा के तहत आज बांका में विकास कार्यों की समीक्षा करने पहुंचे है। इसी दौरान मीडियाकर्मियों ने जब उपेंद्र कुशवाहा की बैठक को लेकर सवाल किया तो सीएम तिलमिला उठे। नीतीश ने कहा कि उपेंद्र कुशवाहा जेडीयू के साथ आए तो सब लोगों ने उन्हें खूब आदर दिया। हम खुद कुशवाहा को इज्जत देते रहें लेकिन अचानक ऐसा क्या हो गया कि वे ऐसी भाषा बोलने लगे। दो महीने के अंदर ऐसा क्या हो गया समझ में नहीं आ रहा है। इस मामले पर रोज बोलना और उसके प्रचार का मतलब है कि किसी और के लिए बोल रहा है तो इसका प्रचार हो रहा है। कुशवाहा हमारी पार्टी को छोड़कर दो बार जा चुके थे बावजूद इसके तीसरी बार उनको मौका दिया गया। नीतीश ने बीजेपी का नाम लिए बिना कहा कि जब किसी का प्रचार हो रहा हो तो समझ जाइए कि कहां से प्रचार हो रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह और खुद उन्होंने भी पार्टी के सभी लोगों को मना कर दिया है कि कुशवाहा को लेकर कुछ नहीं बोलना है। उपेंद्र कुशवाहा को जो करना हो करें.. जितना बोलना है बोलते रहे..उससे कोई मतलब नहीं है।पार्टी पहले से काफी मजबूत स्थिति में है और पहले से काफी अधिक संख्या में लोग जेडीयू में शामिल हुए हैं..इन सब बातों का कोई मतलब नहीं है। उन्होंने कहा कि उपेंद्र कुशवाहा को जहां जाना है चले जाएं उससे पार्टी को कुछ होने वाला नहीं है।उन्होंने कहा कि कुशवाहा के लिए क्या-क्या नहीं किए। हमने उनको एमएलए बना दिए, पार्टी का लीडर भी बनाए..इसके बावजूद भाग गए.. फिर आ गया एक बार..तो राज्यसभा का सदस्य बना दिए..फिर भाग गया..तो तीसरा बार आ गया..और अब क्या-क्या बोल रहा है।
उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि 2017 में जिसके साथ गठबंधन में आए उसने हमारी पार्टी को नुकसान पहुंचाया। 2019 में जब चुनाव लड़ना था तब तक तो सब ठीक ही था लेकिन केंद्र में सरकार बनी तो हमने तीन-चार मंत्री पद की मांग कि लेकिन एक ही मंत्री पद देने की बात कही जा रही थी, तब हमने इनकार कर दिया था। उसके बाद जब विधानसभा का चुनाव हुआ तो उसमें भी हमारे उम्मीदवार के खिलाफ अभियान चलाया गया लेकिन हमने उन लोगों को सपोर्ट लिया। अब अगर कोई आता है और फिर जाता है तो जाए। नीतीश ने कुशवाहा को नसीहत देते हुए कहा कि साथ रहिएगा.. काम कीजिएगा तो ठीक है लेकिन रोज बोलिएगा तो इसका मतलब है कि कहीं और जाने का विचार हो गया है।